दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए परीक्षाओं की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अब पढ़ाई के साथ ही उन्हें अपने शेड्यूल पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है जिससे कि एकाग्रता बनी रहे। सही शेड्यूल से पढ़ाई करने में तो एकाग्रता बनती ही है, साथ ही स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। काउंसलर्स की माने तो अब छात्र टाइमटेबल के अनुसार चलें, इससे समय का ठीक उपयोग होगा और पाठ्यक्रम अच्छे से तैयार हो जाएगा। दरअसल, जो छात्र बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक लाना चाहते हैं यह सही समय है कि वे योजनाबद्ध तरीके से अपनी तैयारी शुरू कर दें । ऐसे में जरूरी यह भी है कि वे परामर्शदाताओं की बातों पर ध्यान दें ही लेकिन अपनी क्षमताओं के हिसाब से समय-सारिणी बनाकर आगे बढ़ें तो ज्यादा अच्छे नतीजे सामने आएंगे । अकसर होता यह है कि दूसरों की सलाह पर तैयारी ठीक से नहीं हो पाती। लिहाजा सबसे पहले अपनी क्षमताओं का आकलन जरूरी है ।
बोर्ड परीक्षाएं मार्च में शुरू हो रही हैं। बारहवीं के छात्रों के पास अब तैयारी के लिए सीमित समय रह गया है। दसवीं की परीक्षाएं ५ मार्च से और बारहवीं की परीक्षाएं १ मार्च से शुरू हो रही हैं। काउंसलर्स का कहना है कि बारहवीं के छात्रों को गंभीरता से तैयारी शुरू देनी चाहिए। यह सही समय है कि वह समय सारणी तैयार करके उसके मुताबिक अपनी तैयारी करें। इसके साथ ही छात्रों के लिए जरूरी है कि नियमित रूप से सैंपल पेपर का अभ्यास करें। छात्र कठिन विषयों पर अधिक ध्यान दें। अपना टाइम टेबल भी ऐसा तैयार करें जिसमें कम तैयार विषय को ज्यादा समय दिया जाए। काउंसलर गीतांजलि ने बताया कि छात्र एनसीईआरटी की पुस्तकों को बहुत अच्छे से तैयार कर लें। इसके साथ ही दो विषय एक दिन में जरूर करें। छात्र अचानक अपना शेड्यूल न बदलें। अगर देर रात पढ़ने की आदत है तो धीरे-धीरे समय को बढ़ाएं। कुछ भी जबरदस्ती न करें। दूसरी सबसे जरूरी बात है अंक पैटर्न को समझने की। अंकों के मुताबिक उत्तर तैयार करें। परीक्षा के समय कई बार कम अंकों के प्रश्न का उत्तर देने में छात्र इतना वक्त लगा देते हैं कि ज्यादा अंकों वाले उत्तर के लिए ठीक समय नहीं मिल पाता। तो परीक्षा के लिए इन छोटी-छोटी बातों की तैयारी अभी से करना बहुत जरूरी है(महुआ बोस,नई दुनिया,दिल्ली,25.1.11)।
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