एचपी यूनिवर्सिटी में कर्मचारियों और प्रशासन के बीच नियुक्ति को लेकर शुरू हुआ विवाद गहराता जा रहा है। करीब दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन जारी रख कामकाज पूरी तरह से ठप कर दिया है। वहीं, यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ हपुटा और एससीए से समर्थन मिलने के बाद कर्मचारियों ने आंदोलन और उग्र कर दिया है। मंगलवार को भी यूनिवर्सिटी के करीब 1500 कर्मचारियों, एससीए सदस्यों और शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कामकाज ठप कर विशाल रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रतिनियुक्ति पर तैनात अधिकारियों को बाहर करने की मांग कर रहे कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
1973 का इतिहास दोहराने की चेतावनी
कर्मचारियों का कहना है कि वर्ष 1973 के डेपुटेशन गो बैक आंदोलन की तरह ही इस बार भी उग्र आंदोलन चलाया जाएगा। संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोहन सिंह ठाकुर, गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हितेश्वर ठाकुर, महासचिव नरेश कुमार, ईसी सदस्य चौधरी वरयाम सिंह बैंस का कहना है कि प्रतिनियुक्ति पर तैनात अधिकारियों को बाहर किया जाए और कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरा जाए। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि परीक्षा नियंत्रक पद को निर्धारित नियुक्ति प्रक्रिया के तहत ही भरा जाना चाहिए।
एससीए अध्यक्ष खुशीराम का कहना है कि कर्मचारियों के इस आंदोलन में छात्र समुदाय साथ है। जेएसी के कार्यकारी अध्यक्ष रमेश चंद, चतुर्थ श्रेणी एवं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रधान लेहणूराम, कार्यकारिणी के सदस्यों ने कुलपति को कर्मचारियों की मांगें पूरी करने को कहा है(दैनिक भास्कर,शिमला,19.1.11)।
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