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15 जनवरी 2011

झारखंडःनिजी स्कूलों पर कसेगी नकेल

मानव संसाधन विकास विभाग ने निजी विद्यालयों पर शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके तहत सभी निजी विद्यालयों को उपलब्ध संसाधन और शिक्षक-छात्र से संबंधित सभी तरह की सूचनाएं विभाग द्वारा जारी डायस प्रपत्र में भर कर जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य हो गया है।

इसके साथ ही सभी नियमों को पूरा करते हुए एचआरडी से मान्यता प्रमाण पत्र भी लेना अनिवार्य होगा। जो विद्यालय ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें अवैध घोषित किया जाएगा और उनसे जुर्माना भी वसूला जाएगा।

जो देनी होगी जानकारी
निजी विद्यालयों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत विद्यालयों को आधारभूत संरचना की स्थिति, विद्यालय में शिक्षकों की संख्या उनका क्वालीफिकेशन, छात्रों की संख्या की पूरी जानकारी देनी होगी।

अधिनियम लागू होने से लाभ
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद निजी स्कूलों को मान्यता लेने के लिए अपने विद्यालय की आधारभूत संरचना और शिक्षकों की अर्हता को बेहतर बनाना होगा। इससे पढ़ने वाले छात्रों को अच्छे शिक्षक और बेहतर सुविधा वाला स्कूल मिलेगा, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ेगी।

निर्धारित समय पर सूचनाएं उपलब्ध कराना जरूरी

सभी निजी विद्यालयों को उपलब्ध संसाधन एवं शिक्षक छात्र से संबंधित सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश जारी कर दिया गया है। निर्धारित समय पर अगर स्कूल की ओर से सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं, तो समझा जाएगा कि विद्यालय असंवैधानिक रूप से संचालित है। ऐसे विद्यालयों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
प्रदीप कुमार चौबे, जिला शिक्षा अधीक्षक, रांची

क्या है स्थिति
रांची जिले में कई ऐसे निजी स्कूल हैं, जिनमें प्री-नर्सरी से पांचवीं तक की कक्षाएं चलती हैं, लेकिन इन स्कूलों ने अब तक एचआरडी से न तो स्कूल संचालन के लिए अनुमति ली है और न ही मान्यता। जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या लगभग 374 है। इन सभी स्कूलों को संबंधित सूचना उपलब्ध कराने के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय रांची ने निर्देश जारी कर दिया है।

इसका पालन करें 
प्राथमिक शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम समय पर पूरा करें। 
गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध कराना जरूरी। 
शिक्षकों को प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध कराना होगा।
शैक्षणिक कैलेंडर बनाना होगा। 
200 छात्रों की संख्या पर पांच शिक्षक अनिवार्य।
उम्र के आधार पर ऊंची कक्षा में प्रवेश पर विशेष प्रशिक्षण दें। 

मान्यता नहीं लेने पर एक लाख जुर्माना
अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत अगर कोई निजी विद्यालय एचआरडी से मान्यता प्रमाण पत्र लिए बिना विद्यालय स्थापित करता है या संचालित करता है तो ऐसे विद्यालय को एक लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। उल्लंघन होते रहने पर जुर्माने में 10 हजार तक की वृद्धि हो सकती है(दैनिक भास्कर,रांची,15.1.11)।

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