कस्बों और ग्रामीण इलाकों में भी अब डाइरेक्ट सेलिंग यानी प्रत्यक्ष बिक्री का चलन तेजी पकड़ रहा है। इससे आजीविका बनाने वालों की तादाद भी बढ़ रही है क्योंकि इसमें लोगों को रंग चोखा दिख रहा है।
शायद आपको तलाश है एक अवसर और एक रास्ते की, जो आपको एक खुशहाल भविष्य दे सके। भागमभाग के इस दौर में हर किसी को जरूरत है एक अदद कामयाब करियर की। ऐसा जिसमें काफी संभावनाएं हों। ऐसे में डाइरेक्ट सेलिंग भी एक विकल्प के रूप में उभरा है। अपनी जानकारी में ही आपको कई ऐसे लोग मिल जाएंगे जो कभी न कभी किसी डाइरेक्ट सेलिंग बिजनेस के चेन का हिस्सा रहे हैं। यह काम ऐसा जरूर है, जो हर किसी को रास नहीं आता।
डाइरेक्ट सेलिंग क्या है?
यह तेजी से फैलता और काफी सक्रिय व्यापारिक माध्यम है जिसमें उत्पादों और सेवाओं की मार्केटिंग सीधे उपभोक्ताओं के साथ की जाती है। भारतीय डाइरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन की सेक्रेटरी जनरल छवि हेमंत बताती हैं कि डाइरेक्ट सेलिंग की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसमें उपभोक्ता और विक्रेता सीधे जुड़े होते हैं। इसमें उत्पादों की आपूर्ति उपभोक्ताओं के घर या कार्यस्थल कहीं भी की जा सकती है। इसमें अपने निजी संपर्क का इस्तेमाल करते हुए पार्टी प्लान के द्वारा बिजनेस किया जाता है। पार्टी प्लान से तात्पर्य है कि जब किसी सामाजिक उत्सव के दौरान या फिर किसी ऐसे मौके पर, जब काफी लोग एकत्र हों, अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया जाए, साथ ही ग्राहक भी बनाए जाएं।
चेन और मल्टी लेवल मार्केटिंग
ये बिजनेस एक नेटवर्क के रूप में चलाया जाता है। डाइरेक्ट सेलिंग वाली सक्रिय कंपनियों जैसे एमवे, एवॉन, ऑरीफ्लेम, हिन्दुस्तान यूनीलिवर, मोदीकेयर, टपरवेयर इसमें शामिल हैं। ये अपने प्रतिनीधि सदस्य बनाती हैं फिर ये सदस्य आगे अपने अपने सदस्य बनाते जाते हैंऔर इस तरह नेटवर्क बढ़ता जाता है। ज्यादातर कंपनियां बहुस्तरीय लाभ योजना का इस्तेमाल करती हैं जिसमें कोई एजेंट न केवल अपनी निजी बिक्री का लाभ प्राप्त करता है बल्कि बिजनेस नेटवर्क में खुद के द्वारा जोड़े गए अन्य प्रतिनीधियों द्वारा बिक्री पर अजिर्त लाभ का हिस्सा भी हासिल करता है।
न उम्र की सीमा, न वक्त का बंधन
हर उम्र और वर्ग के लोग इससे जुड़ सकते हैं। डाइरेक्ट सेलिंग से जुड़ने के लिए विशेष शैक्षणिक योग्यता और किसी तजुर्बे की जरूरत नहीं। चाहे युवा हों, बुजुर्ग या महिलाएं, सभी इसका हिस्सा बन सकते हैं। यह साइड बिजनेस भी हो सकता है। महिलाएं खासकर ऐसी गृहिणियां जो नौकरीपेशा नहीं हैं, उनके लिए तो इसमें काफी संभावनाएं हैं। छवि हेमंत के मुताबिक महिलाओं में डाइरेक्ट सेलिंग का क्रेज बढ़ा है और आज इस बिजनेस में जुड़े लोगों में लगभग सत्तर प्रतिशत महिलाएं ही हैं। महिलाएं आसानी से कई उत्पादों जैसे रसोई के उपकरण, गृह सज्जा के सामान, जेवर-गहने, कॉस्मेटिक, खिलौने और अंतर्वस्त्रों इत्यादि की बिक्री कर सकती हैं। युवा भी बड़ी संख्या में इस बिजनेस में जुड़े हुए हैं।
क्या है उपभोक्ता का फायदा
उपभोक्ताओं के लिए भी डाइरेक्ट सेलिंग बहुत फायदेमंद है। इसमें ग्राहकों को तमाम तरह की सुविधाएं देने की पूरी कोशिश की जाती है, जैसे उत्पादों के प्रदर्शन के साथ इस्तेमाल की या अन्य सभी जानकारियां निजी तौर पर दी जाती है। गुणवत्ता की गारंटी के साथ होम डिलिवरी की जाती है।
क्या हैं इसके फायदे
- इस बिजनेस में आप खुद के बॉस होते हैं। आपको कब, कैसे और कहां काम करना है ये सिर्फ आप तय करते हैं।
- आपको खुद अपना लक्ष्य तय करना होता है और उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्लानिंग भी खुद करनी होती है। लचीलापन इस बिजनेस की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है।
- गृहिणियों के लिए अपने पड़ोस या रिश्तेदारियों में, जहां भी मौका मिले और कुछ लोग इकट्ठे हों, वहां अपने उत्पादों का प्रचार प्रसार करना आसान होता है।
- डाइरेक्ट सैलिंग कंपनियां नए जुड़ने वाले एजेंटों को शुरुआत की ट्रेनिंग और बाद में वॉलेंट्री ट्रेनिंग भी देती हैं।
- अपना व्यक्तिगत डाइरेक्ट सेलिंग बिजनेस शुरू करने के लिए किसी व्यक्ति को कोई बड़ा पूंजी निवेश नहीं करना पड़ता। छवि हेमंत के अनुसार आप शुन्य से लेकर तीन हजार रुपये से एक अच्छी शुरुआत कर सकते हैं।
(शालिनी कश्यप,हिंदुस्तान,दिल्ली,1.2.11)
बन्धुवर अपने देश मे एक भारतीय मल्टी लेवल मारकेटिंग कम्पनी "RCM" है जो पिछले 12 वर्षो से इस फिल्ड मे काम कर रही है जिसके पास वर्तमान मे अपने खुद के नाम से 700 से अधिक प्रोडक्ट , पूरे भारत मे 5000 से अधिक रिटेल स्टोर है । अधिक जानकारी के लिये http://apnarcm.blogspot.com पर विजिट कर सकते हैं ।
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