जरा सोचिए, स्टूडेंट्स को लिखना न पड़े और उनके नोट्स तैयार हो जाएं। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित कुछ इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में स्टूडेंट्स को यह सुविधा नए सेशन से मिलने लगेगी। इसके लिए क्लास में साधारण बोर्ड की जगह इंटरएक्टिव वाइट बोर्ड लगाने की तैयारी चल रही है। बोर्ड लगने से स्टूडेंट्स को न सिर्फ लिखने के झंझट से आजादी मिलेगी, बल्कि वे अपना पूरा ध्यान लेक्चर पर लगा सकेंगे। कई बातें उन्हें उदाहरण देकर भी समझाई जा सकेंगी।
ग्रेटर नोएडा में करीब 87 प्राइवेट प्रफेशनल कॉलेज हैं। ज्यादा से ज्यादा एडमिशन के लिए कॉलेजों में स्टूडेंट्स को बेहतरीन फैसिलिटीज देने की होड़ लगी है। कॉलेज मैनेजमेंट स्टूडेंट्स को हर वह फैसिलिटी देने में जुटा है, जो उनकी पढ़ाई को आसान और इंटरएक्टिव बना सके। इंटरएक्टिव वाइट बोर्ड इसी कड़ी का हिस्सा है। नए सेशन से कुछ कॉलेजों में साधारण बोर्ड उतर जाएंगे। उसकी जगह आधुनिक इंटरएक्टिव वाइट बोर्ड लेंगे। आईआईएमटी कॉलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि इससे न सिर्फ पढ़ाई आसान हो जाएगी, बल्कि और भी कई फायदे मिलेंगे।
इस बोर्ड पर फैकल्टी जो कुछ भी लिखेंगे वह कंप्यूटर में सेव होता चला जाएगा। क्लास के दौरान ही पूरे नोट्स स्टूडेंट्स को मेल कर दिए जाएंगे। इससे जहां स्टूडेंट्स लिखने की बजाय अपना पूरा ध्यान सिर्फ लेक्चर पर लगाएंगे। दूसरी ओर इससे समय की भी बचत होगी। अभी साधारण बोर्ड पर लिखने के बाद फैकल्टी को तब तक इंतजार करना पड़ता है, जब तक कि क्लास के सभी स्टूडेंट्स उसे अपने कॉपी पर उतार न लें। इस बोर्ड की सहायता से स्टूडेंट्स को उदाहरण देकर भी विषय को समझाया जा सकता है। मसलन अगर गूगल में जाकर स्टूडेंट्स को किसी खास जगह का नक्शा दिखाना है, तो वाई-फाई से कनेक्ट होगा उसे बोर्ड पर तुरंत दिखाया जा सकता है। सबसे खास बात यह होगी की इससे पूरे क्लास के दौरान फैकल्टी और स्टूडेंट्स का आई टू आई कॉन्टैक्ट बना रहेगा। अभी प्रोजेक्टर की सहायता से कोई डेटा दिखाने के लिए फैकल्टी को कंप्यूटर के पास जाकर कमांड देनी पड़ती है। इंटरएक्टिव बोर्ड टच स्क्रीन की तरह काम करेगा। दूसरी ओर क्लास मिस करने वाले स्टूडेंट्स को भी दोस्तों से नोट्स मांगकर कॉपी करने की जरूरत नहीं रहेगी।
क्लास में पढ़ाया जाने वाला पूरा रेकॉर्ड कंप्यूटर में होने से स्टूडेंट्स जब चाहे किसी खास दिन की क्लास के नोट्स ले सकता है। तक्षशिला बिजनेस इंस्टिट्यूट के चेयरमैन डॉ. पी. के. सिंघल ने बताया कि बोर्ड की सबसे बड़ी खासियत यह है कि न तो इसे तोड़ा जा सकता है और न ही इसे जलाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए मैनेजमेंट को भारी भरकम रकम खर्च करनी पडे़गी। जहां साधारण बोर्ड की कीमत 2 से 5 हजार रुपये तक है, वहीं एक इंटरएक्टिव वाइट बोर्ड की कीमत दो से ढाई लाख रुपये तक है(पवन सिंह,नवभारत टाइम्स,ग्रेटर नोएडा,2.2.11)।
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