लंबी प्रतीक्षा के बाद विद्यापीठ ने कंबाइंड रिसर्च इंटे्रस्ट टेस्ट (क्रेट) के परिणाम घोषित कर दिए। फरवरी के अंत तक साक्षात्कार की प्रक्रिया शुरू होगी। एक सीट के अनुपात में लगभग तीन से चार गुना परीक्षार्थी साक्षात्कार के लिए सफल घोषित किए गए हैं। जो विषय केवल संबद्घ महाविद्यालयों में हैं, उनके परिणाम अभी रोक दिए गए हैं। ऐसे लगभग एक दर्जन से अधिक विषय हैं।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एवं संबद्घ कालेजों में सत्र २०१०-११ में रिसर्च में एडमीशन के लिए 28 अगस्त को प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया था। आंतरिक अड़चनों के कारण पांच माह बाद परीक्षा फल घोषित कर दिए गए हैं। इसमें लगभग ४१०० अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा नियंत्रक प्रो. नंदलाल ने बताया कि विद्यापीठ में कामर्स, ललित कला, गांधी अध्ययन, हिंदी, इतिहास, पत्रकारिता एवं जनसंचार, अर्थशास्त्र, विधि, प्रबंध शास्त्र, शारीरिक शिक्षा, राजनीति शास्त्र, शिक्षा शास्त्र, मनोविज्ञान, संस्कृत, समाज कार्य, समाज शास्त्र, इतिहास एवं उर्दू विषयों में लगभग ३५० सीटें हैं, जबकि संबद्घ महाविद्यालयों ने अभी तक अपनी सीटें विश्वविद्यालय को उपलब्ध ही नहीं कराई हैं। इन विषयों की परीक्षा में लगभग 12०० अभ्यर्थी सफल हुए हैं। परीक्षा नियंत्रक का कहना है कि महाविद्यालयों द्वारा सीटें उपलब्ध न कराने और रिसर्च के लिए वहां के अध्यापकों की योग्यता संबंधी निर्णय न हो पाने के कारण उनके परिणाम रोके गए हैं।
महाविद्यालयों को लेकर फंसा पेंचः
कौन महाविद्यालय और कौन अध्यापक रिसर्च कराने की योग्यता रखता है, इस बात को लेकर पेंच फंस गया है। इसका निर्धारण अभी तक विद्यापीठ प्रशासन नहीं कर सका है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. नंदलाल का कहना है कि नियमानुसार स्नातकोत्तर कालेज ही रिसर्च करा सकते हैं, लेकिन जिन पीजी कालेजों के शिक्षक स्थानान्तरित होकर यूजी कालेजों में चले गए हैं और पहले से रिसर्च कराते रहे हैं तो उन्हें रिसर्च कराने की अनुमति दी जाए या नहीं, इस पर निर्णय अभी नहीं हो सका। वहीं महाविद्यालयों ने अभी तक अपनी सीटें भी नहीं भेजी हैं(अमर उजाला,वाराणसी,1.2.11)।
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