मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

01 फ़रवरी 2011

वाराणसीः२० हजार परीक्षार्थियों के लिए केंद्र ही नहीं बना

ये है माध्यमिक शिक्षा परिषद जहां के अधिकारी एक दो नहीं २० हजार छात्रों के लिए परीक्षा केंद्र का निर्धारण करना ही भूल जाते हैं। अब ये छात्र कहां परीक्षा देंगे यह पता नहीं। यह हाल तब है जब परीक्षा शुरू होने में महज डेढ़ महीने शेष है। इसका पता चलने के बाद अब बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय इन छात्रों के लिए केंद्र बनाने में जुटा है। हड़बड़ी में केंद्र निर्धारण नियमावली के मानकों का उल्लंघन हो तो आश्चर्य नहीं। दूरी से लगायत कई तरह की दिक्कतें छात्रों को आ सकती हैं। यह सब हुआ है जिला विद्यालय निरीक्षकों की लापरवाही के चलते पर विभाग इस मामले में मौन है।

बोर्ड के काफी शिकंजा कसने के बाद भी जिले स्तर पर शिक्षाधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ता है। केंद्र आवंटन न होने की भनक लगते ही शिक्षाधिकारी जल्द से जल्द इसे सुधारने में जुट गए हैं। गौरतलब है कि २००९ में भी बलिया में इंटर के छह सौ छात्रों को परीक्षा से ठीक दो घंटे पहले प्रवेशपत्र उपलब्ध कराया गया था। इस बार भी वही मंजर सामने आए तो बड़ी बात नहीं। वैसे क्षेत्रीय सचिव दिव्यकांत शुक्ल का क हना है कि परीक्षा के समय कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने दावा किया कि काफी हद तक काम हो गया है।


दूसरी ओर, आजमगढ़ में मानकों को ताक पर रखकर परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर दिया गया है। इसमें २४ ऐसे परीक्षा केंद्र शामिल हैं जहां क्षमता से अधिक १२-१६ सौ परीक्षार्थी आवंटित हैं। इसका खुलासा उस समय हुआ जब केंद्रों की सूची क्षेत्रीय कार्यालय पहुंची। क्षेत्रीय सचिव ने जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर मानक से अधिक परीक्षार्थियों को तत्काल उन केंद्रों पर आवंटित करने का निर्देश जिला विद्यालय निरीक्षक को दिया है जहां परीक्षार्थियों की संख्या पांच सौ या एक हजार के नीचे है। क्षेत्रीय सचिव दिव्यकांत शुक्ल कहना है कि इस गड़बड़ी को जल्द ही दूर कर लिया जाएगा।

क्या है मानक
-किसी भी परीक्षा केंद्र पर धारण क्षमता के अनुसार पांच से कम और एक हजार से अधिक परीक्षार्थी नहीं होने चाहिए।
-यदि निर्धारित छात्र संख्या आवंटन के बाद भी परीक्षार्थी शेष रहते हैं तो उनको अच्छी छवि वाले वित्तविहीन मान्यता प्राप्त स्कूलों को आवंटित किया जाए(अमर उजाला,वाराणसी,1.2.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।