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14 अप्रैल 2011

उत्तराखंडः200 छात्रों का भविष्य अधर में

उच्च शिक्षा के प्रति सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने बिना विश्वविद्यालय की संबद्धता के ही तीन महाविद्यालयों का संचालन शुरू कर दिया। इससे इन महाविद्यालयों में पढ़ रहे 200 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। इनमें से दो महाविद्यालय मुख्यमंत्री के गृह जनपद पौड़ी में स्थापित हुए हैं। पौड़ी जनपद के थैलीसैंण व रिखणीखाल व थत्यूड़ (टिहरी) का मामला अब भी लटका हुआ है। वर्तमान में प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय से लेकर महाविद्यालय की स्थापना के लिए मानक तय किए हुए हैं। बावजूद इसके मानकों की परवाह किए बिना राजनीतिक लाभ लेने के लिए प्रभावशाली जनप्रतिनिधि विद्यालय व महाविद्यालय की स्थापना अपने-अपने हिसाब से करवा रहे हैं। एक बार इनकी स्थापना हुई नहीं कि उसके बाद इन विद्यालयों की स्थिति का जायजा तक लेने कोई नहीं आता। व्यवस्थाओं व शिक्षकों की कमी के चलते पहले से पिछड़ रहा पहाड़ का छात्र इन कालेजों में प्रवेश लेकर अपने को और ठगा सा महसूस कर रहा है। अभी तक यह स्थिति प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में ही देखी जाती रही है, लेकिन उच्च शिक्षा भी इस समस्या की चपेट में आ गया है। विगत वर्षो में प्रदेश में करीब चार महाविद्यालय नए खोले गए। इनमें राजकीय महाविद्यालय मजिरो महादेव थैलीसैंण व राजकीय महाविद्यालय रिखणीखाल (दोनों पौड़ी) राजकीय महाविद्यालय थत्यूड़ (टिहरी) व राजकीय महाविद्यालय कनालीछीना (पिथौरागढ़) में स्थापित हैं। इनमें दो महाविद्यालय मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के गृह जनपद पौड़ी में खोले गए है। इनमें थैलीसैंण, रिखणीखाल व थत्यूड़ की सम्बद्धता का मामला लटका हुआ है, जबकि कनालीछीना को कुमाऊं विश्वविद्यालय से सम्बद्धता मिल गई है। वर्तमान में थैलीसैंण में 50 व रिखणीखाल में 100 व थत्यूड़ में 50 के करीब छात्र अध्ययन कर रहे हैं। इन छात्रों के समक्ष अब परीक्षा की समस्या आ रही है। कालेज की स्थापना के बाद इनकी विश्वविद्यालय से संबद्धता ना होने से ऐसा हो रहा है। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के चलते उसने इन कालेजों को सम्बद्धता देने से मना कर दिया है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नए महाविद्यालयों की सम्बद्धता के लिए प्रदेश सरकार की ओर से नए विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। मामला राजभवन में लटक जाने के चलते समस्या पैदा हुई है। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा पीसी शर्मा ने स्वीकार किया कि इन महाविद्यालयों की सम्बद्धता लटकी हुई है। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। परीक्षा को लेकर रास्ता तलाशा जा रहा है। रिखणीखाल कालेज के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय मान गया है। जबकि थत्यूड व थैलीसैंण महाविद्यालय के छात्रों को दूसरे महाविद्यालय से संबध कर परीक्षा कराने की व्यवस्था की जा रही हैं(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,14.4.11)।

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