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14 अप्रैल 2011

यूपीःप्रशिक्षण के बाद जांची जाएंगी बोर्ड की कॉपियां

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन 26 अप्रैल से शुरू होगा। हाईस्कूल विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की कॉपियों की जांच के लिए शिक्षकों का पैनल गठित किया गया है। पैनल में शामिल शिक्षकों को जानकारी देने के लिए मूल्यांकन केंद्र के उपनियंत्रकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। दैनिक जागरण ने 23 मार्च के अंक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद बोर्ड की ओर से यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। हाईस्कूल विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की कॉपियों की जांच के लिए शिक्षकों का पैनल गठित किया गया है। इन्हें जानकारी देने के लिए मूल्यांकन केंद्र के उपनियंत्रकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए बोर्ड की ओर से रूपरेखा बनाई गई है। 23 अप्रैल को इलाहाबाद और मेरठ, जबकि 25 अप्रैल को बरेली और वाराणसी जनपद के उपनियंत्रक और जिला विद्यालय निरीक्षक प्रशिक्षण लेंगे। इस दौरान इन्हें सीडी भी उपलब्ध कराई जाएगी। 26 अप्रैल से शुरू हो रहा कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य करीब 15 दिनों तक जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि दैनिक जागरण ने 23 मार्च के अंक में प्रकाशित किया था कि भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान हाईस्कूल के प्रश्नपत्र को एक ही में समायोजित कर 100 अंकों की परीक्षा ली गई है। इस वजह से परीक्षार्थी अपने परीक्षाफल को लेकर तनाव में हैं। ऐसी कॉपियों को शिक्षकों का पैनल जांचेगा या नहीं, इस पर सवाल खड़ा हो गया है? पूर्व में विज्ञान के शिक्षक ही भौतिक औररसायन विज्ञान के प्रश्नपत्रों की जांच करते थे। जीव विज्ञान के शिक्षक, जीव विज्ञान के प्रश्नपत्र का मूल्यांकन करते थे, लेकिन अब भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान का प्रश्नपत्र एक ही में समायोजित हो जाने से इसके मूल्यांकन के लिए शिक्षकों के पैनल की आवश्यकता होगी। विज्ञान और जीव विज्ञान के शिक्षक जब तक मिलकर मूल्यांकन नहीं करेंगे, तब तक परीक्षार्थियों के साथ न्याय नहीं होगा। इसके लिए मूल्यांकन से पूर्व मूल्यांकन के प्रशिक्षण की जरूरत होगी। इस संदर्भ में बोर्ड क्या सोच रहा है, किसी को नहीं मालूम(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,11.4.11)।

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