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29 जून 2011

डीयूःदो कॉलेज में है एडमिशन तो दोनों में होगा कैंसल

अगर ऐसे स्टूडेंट्स के बारे में पता चलता है जिन्होंने दो कॉलेजों में एडमिशन ले रखा है तो दोनों कॉलेजों में उनका एडमिशन कैंसल कर दिया जाएगा। स्टूडेंट्स सोच समझकर ही किसी एक कॉलेज में एडमिशन लें और अलग-अलग कॉलेजों में सीट बुक करके दूसरे स्टूडेंट्स का नुकसान न करें।

यूनिवसिर्टी के पास कोई स्टैंडर्ड फॉर्मेट नहीं है, जिससे यह जांचा जा सके कि कास्ट सटिर्फिकेट असली है या नकली। इस समस्या से निपटने के लिए सेंट्रल रजिस्ट्री होनी चाहिए, जहां पर सभी स्टूडेंट्स के जाति प्रमाण पत्रों की डिटेल मिल सके और यूनिवसिर्टी आसानी से प्रमाण पत्रों का वेरिफिकेशन कर सके।- डॉ. दिनेश सिंह, वीसी

डीयू में इस बार दो कट ऑफ लिस्ट में ही कॉलेजों में रेकॉर्ड एडमिशन हो गए हैं। यह बात भी सामने आ रही है कि स्टूडेंट्स ने दो-दो कॉलेजों में भी अपनी सीट बुक कर ली है और कुछ स्टूडेंट्स यह फैसला नहीं ले पा रहे हैं कि किस कॉलेज में पढ़ेंगे। नियमों के मुताबिक, अगर कोई स्टूडेंट दो कॉलेजों में एडमिशन लेता है तो यह गैरकानूनी है।

डीयू के वाइस चांसलर प्रो. दिनेश सिंह ने कहा है कि अगर ऐसे स्टूडेंट्स के बारे में पता चलता है तो दोनों कॉलेजों में उनका एडमिशन कैंसल कर दिया जाएगा। वीसी ने स्टूडेंट्स को सलाह दी है कि वे सोच समझकर ही किसी एक कॉलेज में एडमिशन लें और अलग-अलग कॉलेजों में सीट बुक करके दूसरे स्टूडेंट्स का नुकसान न करें। फजीर् जाति प्रमाण पत्र के सवाल पर वीसी ने कहा कि यूनिवसिर्टी के पास कोई स्टैंडर्ड फॉमेर्ट नहीं है, जिससे यह जांचा जा सके कि सटिर्फिकेट असली है या नकली।

एडमिशन के बाद यूनिवसिर्टी सटिर्फिकेट का वेरिफिकेशन कराती है और जहां से सटिर्फिकेट जारी होता है, वहां पर वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है लेकिन कई बार जवाब ही नहीं आता। वीसी ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सेंट्रल रजिस्ट्री होनी चाहिए, जहां पर सभी स्टूडेंट्स के जाति प्रमाण पत्रों की डिटेल मिल सके और यूनिवसिर्टी आसानी से प्रमाण पत्रों का वेरिफिकेशन कर सके।

वीसी ने कहा कि स्टूडेंट एक ही कॉलेज में एडमिशन ले सकता है और दो-दो कॉलेजों में एडमिशन लेना नियमों के खिलाफ है। यूनिवसिर्टी ऐसे स्टूडेंट्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि इस बार यूनिवसिर्टी ने बिना रजिस्ट्रेशन के एडमिशन का जो नियम बनाया था, उससे स्टूडेंट्स की परेशानी कम हुई है लेकिन स्टूडेंट्स को इसका गलत फायदा नहीं उठाना चाहिए।


डीयू में कुछ कॉलेज एडमिशन के समय स्टूडेंट्स के ओरिजिनल सटिर्फिकेट जमा कर लेते हैं लेकिन स्टूडेंट्स की रिक्वेस्ट पर उसे वापस भी कर दिया जाता है। स्टूडेंट्स दूसरी यूनिवसिर्टी में काउंसलिंग का प्रूफ दिखाकर 24 घंटे में ही अपने डॉक्युमेंट वापस ले सकते हैं। वहीं ऐसे भी कॉलेज हैं, जो ओरिजिनल डॉक्युमेंट जमा नहीं करते। रामलाल आनंद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय कुमार शर्मा का कहना है कि उनके कॉलेज में स्टूडेंट्स अगर ओरिजिनल सटिर्फिकेट वापस लेने की ऐप्लीकेशन देते हैं तो उन्हें डॉक्युमेंट दे दिए जाते हैं। 

डॉ. शर्मा का कहना है कि यूनिवसिर्टी का नियम है कि 24 घंटे में सटिर्फिकेट वापस किए जाएं। स्टूडेंट्स दो-दो जगह एडमिशन भी ले सकते हैं। अगर कुछ दिन बाद वे एडमिशन कैंसल करवाते हैं तो उनकी एडमिशन फीस के रूप में 5 रुपये ही कटते हैं। दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एस. के. गर्ग का कहना है कि स्टूडेंट्स दूसरी यूनिवसिर्टी के काउंसलिंग प्रोसेस में भाग लेने की ऐप्लीकेशन देकर ओरिजिनल वापस मांगते हैं और उन्हें सटिर्फिकेट वापस कर दिए जाते हैं। 14 अगस्त के बाद एडमिशन नहीं होते और उस समय स्टूडेंट्स अगर एडमिशन कैंसल करवाने आते हैं तो कॉलेज उस सीट पर किसी दूसरे को एडमिशन नहीं दे सकता(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,29.6.11)।

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