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30 जून 2011

राजस्थानःनौ हजार सेवारत डॉक्टर्स सामूहिक अवकाश पर

केंद्र के समान वेतनमान देने की मांग को लेकर गुरुवार को प्रदेश के 33 जिलों के सभी जिला अस्पताल एक साथ ठप हो गए। अपनी मांगों को लेकर सेवारत चिकित्सक संघ से जुड़ कर आंदोलन कर रहे करीब नौ हजार चिकित्सकों के एक साथ एक दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने से यह हालात पैदा हुए हैं। चिकित्सकों ने आंदोलन को और लंबा खींचने का ऎलान किया है।
जयपुर शहर के जिला स्तरीय व सेटेलाइट अस्पतालों के सेवारत डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहे। जिसके कारण जिला स्तरीय कांवटिया, सेटेलाइट में जयपुरिया, सेठी कॉलोनी एवं बनीपार्क स्थित अस्पतालों में आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। आसपास के क्षेत्र से आने वाले मरीजों को आउटडोर में डॉक्टर नदारद मिले तथा लंबी कतारें लगी रही।
कौन है सेवारत डॉक्टर्स
सेवारत डॉक्टर्स वे डॉक्टर्स हैं जो राज्य सरकार के अंतर्गत कार्यरत हैं लेकिन मेडिकल कॉलेज में काम नहीं कर रहे हैं। यानी कि जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज व उससे जुड़े अस्पतालों के अलावा सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर और प्रशासनिक पदों पर तैनात सभी डॉक्टर हड़ताल पर है।

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि निदेशालय की तरफ मेडिसन, गायनी, सर्जरी एवं नेत्र आदि के डॉक्टर्स नियुक्त कर दिए हैं। उधर, दूसरी तरफ एसएमएस मेडिकल कॉलेज के जुड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स और सेवारत डॉक्टरों के समर्थन में सुबह आठ से दस बजे तक कार्य का बहिष्कार किया। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ.जी.डी.माहेश्वरी ने बताया कि सरकार से वार्ता के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला तथा मजबूरन होकर सामूहिक अवकाश का निर्णय लेना पड़ा। अगर सरकार इन लोगों की मांगे नहीं मानेगी तो यह आंदोलन और लंबा खींचा जा सकता है।
चिकित्सा मंत्री एए खान उर्फ दुर्रूमियां ने कहा कि सरकार को चिकित्सकों के हितों की चिंता है। सेवारत चिकित्सकों की समस्याओं के प्रति भी सरकार पूरी तरह से गंभीर है। चिकित्सा मंत्री ने अवकाश पर गए चिकित्सकों से अपील की है कि मरीजों के हित में वे काम पर लौटें। मिल बैठ कर समस्या का हल निकाला जा सकता है(सुरेन्द्र स्वामी,दैनिक भास्कर,जयपुर,30.6.11)।

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