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24 जून 2011

पीपीपी के तहत मूल्यांकन एवं शोध केंद्र स्थापित करेगा सीबीएसई

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) के तहत एक ऐसा निकाय गठित करने का निर्णय किया है जो समीक्षा, मूल्यांकन एवं शोध केंद्र के रूप में काम करेगा। यह केंद्र विभिन्न परीक्षाओं को समन्वित एवं बेहतर ढंग से पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा
सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ” इस केंद्र की स्थापना निजी सार्वजनिक भागीदारी के तहत की जाएगी। इस संबंध में सक्षम संस्थान का चयन करने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। सक्षम संस्थान 18 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि प्रारंभ में इस केंद्र में 20 कर्मचारी काम करेंगे जिसका बाद में विस्तार किया जाएगा। आधारभूत संरचना जैसे प्रारंभिक कार्यो का वित्त पोषण सीबीएसई करेगा लेकिन इस केंद्र के संचालन सहित अन्य परिचालनात्मक खर्च का वहन निजी साझेदार को करना होगा।
बोर्ड कई तरह की नियमित एवं प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा का आयोजन करता है। इस वर्ष 12वीं कक्षा में करीब साढ़े सात लाख छात्र और 10वीं कक्षा में 10 लाख छात्र बैठे। इसी प्रकार से मेडिकल प्रवेश परीक्षा में 2.57 लाख उम्मीदवार और एआईईईई प्रवेश परीक्षा में करीब 11 लाख छात्र शामिल हुए। जून 2011 में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में 8 लाख छात्र शामिल होंगे।
अधिकारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक व्यवस्था एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने शैक्षणिक संसाधन सृजित करने की जरूरत महसूस की है जिसके माध्यम से अगले कुछ वर्षो में स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षक उपलब्ध हो सकें।
प्रस्तावित केंद्र उन छात्रों की परेशानियों और जरूरतों को पूरा करेगा जिनके माता पिता ऐसी नौकरी कर रहे जिसमें समय समय पर तबादला होता है। केंद्र परीक्षा संबंधी निर्देश देने के साथ संबद्ध स्कूलों में सफल छात्रों को प्रमाणपत्र भी मुहैया कराएगा।

बोर्ड ने सक्षम निजी साझेदार का चयन करने के लिए दो स्तरीय निविदा प्रक्रिया अपनाई है जिसमें पहला तकनीकी मापदंड और दूसरा वित्तीय मापदंड से जुड़ा हुआ है।
प्रस्तावित केंद्र कार्यकारी परिषद के माध्यम से काम करेगा और बोर्ड के अध्यक्ष इस केंद्र के अध्यक्ष होंगे। इसमें पेशेवर विकास, मूल्यांकन, शोध एवं नवोन्मेष के तीन विशेषज्ञों को बोर्ड और दो सदस्यों को साझेदार निजी संस्थान नामित करेगी। इस केंद्र के प्रमुख का चयन ‘खोज सह चयन प्रक्रिया’ के जरिए होगा। प्रारंभ में इस केंद्र में कोई विभाग नहीं होगा लेकिन बाद में इसे ढांचागत स्वरूप प्रदान किया जाएगा(दैनिक ट्रिब्यून,दिल्ली,24.6.11)।

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