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27 जून 2011

चिकित्सा शिक्षा को एनसीएचईआर में लाने का मुद्दा सुलझा

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि चिकित्सा शिक्षा को प्रस्तावित राष्ट्रीय उच्च शिक्षा एवं शोध आयोग (एनसीएचईआर) में शामिल करने का मुद्दा ‘सुलझ’ गया है। एनसीएचईआर, यूजीसी, एआईसीटीई और दूरस्थ शिक्षा आयोग जैसे मौजूदा नियामक निकायों को एक करके बनाया जाने वाला निकाय है। सिब्बल ने मीडिया को बताया, ‘हमने इस मुद्दे का समाधान कर लिया है। अब वह मंत्रिमंडल में जाएगा और उसके बाद संसद में रखा जाएगा।’ चिकित्सा शिक्षा को लेकर मानव संसाधन विकास और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच दो साल पहले टकराव शुरू हुआ था इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे के समाधान के लिए बीच में आया था। स्वास्थ्य मंत्रालय का तर्क था कि चूंकि चिकित्सा शिक्षा स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं में आती है, इसलिए इसे प्रस्तावित राष्ट्रीय मानव संसाधन स्वास्थ्य आयोग (नेशनल कमीशन ऑन ह्यूमन रिसोर्स फॉर हेल्थ) के दायरे में लाया जाना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि उच्च शिक्षा में सुधार से जुड़े सभी 13 से 14 विधेयक संसद के मानसून सत्र में रखे जाएंगे। उन्होंने दिल्ली विविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्र मों में इस साल 100 फीसद कट ऑफ होने को भी ‘अस्वीकार्य’ बताते हुए कहा कि वह इस बारे में विविद्यालय और अन्य संस्थानों से बातचीत कर रहे हैं, ताकि दाखिलों के लिए ‘और तार्किक तंत्र’विकसित किया जा सके(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,27.6.11)।

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