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26 जून 2011

डीयूःज्यादा दाखिलों ने बढ़ाई कॉलेजों की मुश्किलें

आवेदन फॉर्म की छुट्टी के बाद सीधे कटऑफ और इससे पार पाने वाले छात्रों को दाखिला का अवसर मुहैया कराने की युक्ति दिल्ली विश्वविद्यालय को भले ही बेहतर जान पड़ रही हो पर कॉलेजों की परेशानियां इससे बढ़ी हैं।

कॉलेजों में दाखिलों का उफान इस कदर देखने को मिला है कि पांचवीं कटऑफ तक दाखिले के अवसर मुहैया कराने की बात कर रहे डीयू में दूसरी ही कटऑफ में कॉलेजों में दाखिले सीटों की अपेक्षा दोगुने से ज्यादा जा पहुंचे हैं।

कैम्पस कॉलेजों की बात करें तो यहां पहुंच रहे टॉपर्स की संख्या इतनी ज्यादा है कि रामजस कॉलेज में केमिस्ट्री में दाखिले का आंकड़ा पांच गुना तो एसआरसीसी में बी.कॉम ऑनर्स का आंकड़ा डेढ़ गुना से ज्यादा पहुंच गया है।

ऐसे में छात्रों के लिए बेहतर अध्ययन सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कहीं संसाधनों के विकास की तैयारी जारी है तो कहीं गुरुजनों से सहयोग की आस लगाई जा रही है।

श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) के प्रिंसिपल डॉ. पीसी जैन ने बताया कि उनके यहां उपलब्ध बी.कॉम ऑनर्स व इकोनॉमिक्स ऑनर्स दोनों ही पाठच्यक्रमों में सामान्य श्रेणी के तहत सीटों की अपेक्षा अधिक दाखिले हुए हैं।


बी.कॉम में जहां यह आंकड़ा 252 सीटों पर 414 है तो इकोनॉमिक्स ऑनर्स में 62 सीटों पर 71 दाखिले हुए हैं। सीटों की अपेक्षा अधिक दाखिलों की स्थिति से निबटने के विषय में जब डॉ. जैन से पूछा गया तो उनका कहना था कि परेशानी तो नहीं आएगी बस अभी जहां 2 बजे तक कक्षाएं खत्म हो जाती थीं, वह समय बढ़कर 3 या 4 बजे तक पहुंच जाएगा। 

ओवर एडमिशन की समस्या से जूझ रहा दूसरा कैम्पस कॉलेज है रामजस कॉलेज। कॉलेज में केमिस्ट्री ऑनर्स मतें 47 सीटों पर 289 दाखिले हुए हैं जो करीब पांच गुना से ज्यादा हैं। इसी तरह यहां साख्यिकी ऑनर्स की 23 सीटों पर 113 दाखिले, फिजिक्स ऑनर्स की 47 सीटों पर 171 दाखिले, बी.ए प्रोग्राम की 56 सीटों 110 दाखिले और बी.कॉम ऑनर्स में 50 सीटों पर 104 दाखिले हुए हैं। 

कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि शिक्षकों के सहयोग से इस समस्या से निबट लिया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो एडऑक शिक्षक व गेस्ट लेक्चर का इंतजाम भी किया जाएगा। हिन्दू कॉलेज के पापुलर कोर्स बी.कॉम ऑनर्स में 62 सीटों पर 129 दाखिले हुए हैं जबकि केमिस्ट्री में 62 सीटों पर 96 दाखिले हुए हैं। 

कॉलेज प्रबंधन की मानें तो एक दो विषय में खड़ी हुई ओवर एडमिशन की समस्या से टाइम टेबल में शिक्षकों सहयोग से निबट लिया जाएगा। ओवर एडमिशन की परेशान से ऑफ कैम्पस कॉलेज भी जूझ रहे हैं। 

आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सावित्री सिंह ने बताया कि उनके यहां सबसे ज्यादा लाइंस साइंसेस में 40 सीटों पर 109 दाखिले हुए और इसके बाद केमिस्ट्री में 31 सीटों के मुकाबले 81 दाखिले, बॉटनी में 41 सीटों के मुकाबले 73 दाखिले और जूलॉजी में 41 सीटों पर 62 दाखिले हुए हैं। 

डॉ. सिंह ने बताया कि ओवर एडमिशन की परेशानी उनके समक्ष पहली बार खड़ी हुई है। वह अभी कक्षाओं के इंतजाम और शिक्षकों के सहयोग की दिशा में प्रयासरत हैं।

कोटा बढ़ाया जाय

सामान्य श्रेणी की सीटों पर जारी ओवर एडमिशन को देखते हुए अब अनुसूचित जाति/ जनजाति, विकलांग व ओबीसी कोटा भी दाखिलों के हिसाब से मुहैया कराने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। यूथ फोर सोशल जस्टिस के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह का कहना है कि जिस तरह से मैरिट में जगह पाने वाले छात्रों को सीटे फुल होने के बाद भी कटऑफ में आने के बाद दाखिला दिया जा रहा है तो फिर कोटे के छात्रों के प्रति क्यों दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है। 

हमारी कुलपति से मांग है कि वह कोटे की सीटों का निर्धारण उपलब्ध सीटों के हिसाब से नहीं बल्कि उनके लिए हुए दाखिलों के आधार पर होना चाहिए और यही न्याय संगत है(दैनिक भास्कर,शिमला,26.6.11)।

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