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26 जून 2011

लखनऊ विविःफीस हुई दोगुनी तो खाली रह गयीं 223 सीटें

लखनऊ विविद्यालय ने एमबीए की फीस बढ़ाकर दो गुनी कर दी। इसकी वजह से छात्रों ने आईएमएस के एमबीए पाठ्यक्रमों से मुंह मोड़ लिया। एमबीए कोर्स में दाखिले के अंतिम दिन शनिवार को सभी को मौका देने के बाद भी 223 सीटें खाली रह गयीं। इनमें दो कोर्स में ताला ही लग गया और गलती से रूरल डेवलपमेंट मैनेजमेंट में एक सीट पर दाखिले लेने वाले छात्र ने अपना कोर्स चेंज करा लिया है। एमबीए इन एग्री बिजनेस की भी सभी 60 सीटें खाली रह गयी हैं। इसके साथ ही विविद्यालय के कई अन्य पाठ्यक्रमों एमबीए इन कारपोरेट मैनेजमेंट की 36 सीटें खाली रह गयीं, सिर्फ 24 सीटों पर ही प्रवेश हो सका एमबीए एचआर में भी एक सीट बच गयी। इसी प्रकार रिटेल मैनेजमेंट में भी 36 सीटें खाली रह गयी हैं। एमबीए के एक और पाठ्यक्रम (सीएम) में 30 सीटें खाली रह गयी हैं। विविद्यालय में एमबीए में 660 सीटें हैं। इनमें 437 सीटों पर ही प्रवेश हो सका और 223 सीटें खाली रह गयी हैं। उल्लेखनीय कि विविद्यालय में एमबीए की फीस अभी तक 45 हजार रुपये थी, लेकिन इसको बढ़ाकर अब 80 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही पांच हजार रुपये सिक्योरिटी, 750 रुपये इनरोलमेंट और 500 रुपये काउंसलिंग के जमा कराये जाने थे। विविद्यालय के व्यवसाय प्रबंधन विभाग (लुम्बा) से एमबीए की सभी 120 सीटें भर गयी हैं लेकिन प्रबंध विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के कोर्स में दाखिला देने के लिए काउंसलिंग में लगे शिक्षक छात्र-छात्राओं का इंतजार करते रह गये। इसके कुछ कोर्स में तो सभी सीटें भर गयी हैं, लेकिन दो कोर्स में एक भी प्रवेश नहीं हुआ। दो कोर्स में 36-36 व एक पाठ्यक्रम में 30 सीटें खाली रह गयीं। छात्रों के इस रवैये की वजह विविद्यालय की प्रबंधन पाठ्यक्रमों में फीस की बेतहासा बढ़ोतरी मानी जा रही है। हालांकि विविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि बेहतर पढ़ाई की कीमत पर फीस कहीं आड़े नहीं आ रही है, लेकिन 223 सीटें खाली रहने के सवाल का उनके पास भी कोई जवाब नहीं है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,26.6.11)।

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