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29 जून 2011

विदेश शिक्षाः ढेर सारे अवसर

ऑक्सफोर्ड से लिटरेचर की डिग्री.. हावर्ड से बिजनेस की पढ़ाई...ये कुछ ऐसे सपने हैं, जो युवा आंखें अक्सर संजोती हैं। अगर ये सपने पूरे हो जाएं तो करियर तेजी से आगे बढ़ सकता है। विदेश में शिक्षा के कई फायदे हैं। जैसे ये जॉब ओरिएंटेड होती है। छात्रों की पर्सनल ग्रूमिंग करती है। उन्हें अंतरराष्ट्रीय और प्रोफेशनल एक्सपोजर मिलता है। विदेश में शिक्षा के अवसरों पर अरशाना अजमत की रिपोर्ट।

हर स्टूडेंट को मिलती है पर्सनल अंटेशन
विदेश शिक्षा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ज्यादातर देशों में एजुकेशन प्रोग्राम इस तरह से डिजाइन किए जाते हैं कि वे हर आई क्यू के छात्रों को सहज लगें। इसके बाद भी जो छात्र पढ़ने में कमजोर होते हैं या तालमेल नहीं बैठा पाते, उन पर शैक्षिक संस्थान अलग से तवज्जो देते हैं। कई बार उनके लिए यूनीक प्रोग्राम भी बनाए जाते हैं। यही कारण है कि कई छात्र जो भारत के कॉलेजों में अच्छे अंक नहीं ला पाते, अक्सर विदेश जाकर उनका अकादमिक रिकॉर्ड अच्छा हो जाता है। अपने देश में भी कुछेक संस्थान इस तरह की प्रक्रिया अपनाते हैं, मगर उनकी संख्या काफी कम है।

रोजगारपरक शिक्षा
किताबी ज्ञान कम और प्रैक्टिकल ज्यादा। ये अमूमन ज्यादातर शैक्षिक संस्थानों का मूलमंत्र होता है। यही वजह है कि विदेशी संस्थानों की डिग्री छात्रों को देश और विदेश दोनों जगह आसानी से नौकरी दिला देती है। कई बार तो कॉलेज ही छात्रों की रोजगार की तलाश में खासी मदद करते हैं। वहां अकादमिक के साथ-साथ वोकेशन एजुकेशन के भी कई अच्छे विकल्प हैं। एक खास बात यह भी है कि अपने देश में ऐसे गिने-चुने संस्थान हैं, जो रोजगारपरक शिक्षा पर फोकस करते हैं। मसलन निफ्ट, एनआईडी या आईआईएम ऐसे संस्थान हैं। जिन छात्रों को यहां दाखिला नहीं मिलता, उनके लिए इस श्रेणी का दूसरा संस्थान देश में नहीं है। जबकि विदेश में कमोबेश हर संस्थान उच्च श्रेणी की शिक्षा देता है, जिससे छात्रों के पास कई विकल्प होते हैं।


समय के अनुकूल
विदेशों में पाठय़क्रम और पढ़ाने की विधि में समय-समय पर सार्थक बदलाव किए जाते रहते हैं, जिससे वह समय के अनुरूप ढलते रहते हैं और ज्यादा अर्थपूर्ण रहते हैं। जबकि भारत में आज भी ज्यादातर विषयों को उसी र्ढे पर पढ़ाया जा रहा है, जिस र्ढे पर पहले पढ़ाया जाता था। इससे वे मॉडर्न जीवन शैली और जरूरतों के मुताबिक नहीं बन पाते।

विदेश में रहने की सुविधा
ऐसे छात्र, जो करियर के लिए विदेश में बसना चाहते हैं, उनके लिए विदेश में शिक्षा लेना ही फायदेमंद होता है। वे वहां की जीवन शैली को समझ जाते हैं। यूएसए और कैनेडा जैसे कई देश हैं, जो अपने यहां से पढ़ाई किए हुए छात्रों को दो साल तक अपने देश में काम करने की अनुमति आसानी से दे देते हैं।

प्रमुख फॉरेन एग्जाम्स
सैट (SAT)
अगर आपको यूएसए के कॉलेजों या यूनिवर्सिटी में एडमिशन चाहिए तो सैट यानी स्कॉलेस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट देना होगा। यह टेस्ट दो चरणों में होता है। सैट-1 में वर्बल और क्वांटिटेटिव रीजनिंग टेस्ट देना होगा। यह तीन घण्टे का होगा। टेस्ट-2 विषय आधारित होगा। इसमें जिस विषय में आपको दाखिला चाहिए, उससे संबंधित वैकल्पिक प्रश्नों के जवाब देने होंगे। यह एक घण्टे का टेस्ट होगा। यह टेस्ट कॉलेज एंट्रेंस एग्जामिनेशन बोर्ड, यूएस कंडक्ट कराता है। भारत में यह टेस्ट बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, कोडाईकनाल, मुंबई, मसूरी, नई दिल्ली और पुणे में होता है। आप इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। एग्जाम कब और कैसे दें, इसके लिए वेबसाइट www.collegeboard.org देखें।

टॉफेल (TOEFLX)
यदि आप विदेश में शिक्षा का ख्वाब दे रहे हैं तो आपको ये टेस्ट क्लियर करना होगा। टॉफेल यानी टेस्ट ऑफ इंग्लिश एज ए फॉरेन लैंग्वेज में आपके अंग्रेजी ज्ञान को परखा जाता है। भारत में यह टेस्ट अहमदाबाद, इलाहाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, नई दिल्ली और त्रिवेंद्रम में लिया जाता है। ऐसे छात्र जो कक्षा 12 या इसके समकक्ष पढ़ाई कर चुके हैं, यह टेस्ट दे सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट www.ets.org देख सकते हैं।

जीमैट (GMAT)
ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट उन छात्रों को देना होता है, जो बिजनेस की पढ़ाई करने के लिए विदेश जाना चाहते हैं। इस टेस्ट को देने के लिए शिक्षा संबंधी कोई वांछनीय योग्यता नहीं है। केवल ऐसे छात्र, जिनकी उमर 18 साल से कम है, को यह टेस्ट देने के लिए जीमैट कस्टमर सर्विस से अनुमति लेनी पड़ती है। इस टेस्ट में तीन सेक्शन होते हैं। पहले में एनालिटिकल राइटिंग का आकलन किया जाता है। दूसरा सेक्शन क्वांटिटेटिव होता है और तीसरा सेक्शन वर्बल होता है।

जीआई (GRE)
जीआरई यानी ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशन ऐसे छात्रों को देना होता है, जो स्नातक स्तर के किसी कोर्स के लिए विदेश जाना चाहते हैं। इसमें वर्बल, मैथमेटिकल और एनालिटिकल स्किल परखी जाती है। इसके लिए किसी विषय विशेष की खास जानकारी अनिवार्य नहीं है। सामान्य स्नातक व्यक्ति यह टेस्ट दे सकता है। भारत में इस टेस्ट के सेंटर हैं अहमदाबाद, इलाहाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई, त्रिवेंद्रम और नई दिल्ली। अधिक जानकारी के लिए www.gre.org देखें।

फॉरेन यूनिवर्सिटीज
हावर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए
यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, यूके
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूके
केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी
केलिफोर्निया इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नो., यूएसए
येल यूनिवर्सिटी, यूएसए
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो, यूएसए
टोकयो यूनिवर्सिटी, जापान
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी, यूएसए
यूनिवर्सिटी ऑफ केनेडा, टोरंटो
यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख, जर्मनी
यूनिवर्सिटी ऑफ पेरिस, फ्रांस
आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, आस्ट्रेलिया
यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगेन, डेनमार्क
यूनिवर्सिटी ऑफ ओसलो, नार्वे
मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी, रशिया
(अरशाना अजमत,हिंदुस्तान,दिल्ली,28.6.11)

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