ऑन लाइन एप्लीकेशन की तिथि बढ़ाने के बावजूद भी इंजीनियरिंग व फार्मेसी पाठ्यक्रम की सीटें पूरी नहीं भर पाई। प्रवेश प्रक्रिया के तहत अभी तक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए 15 हजार 440 तथा फार्मेसी पाठ्यक्रम के लिए 850 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है।
नागपुर संभाग में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की कुल 25 हजार सीटें हैं, जबकि फार्मेसी की 1 हजार 50 सीटें हैं। बढ़े पैमाने पर सीटें खाली रहने की आशंका के मद्देनजर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद सोमवार को दोनों ही पाठ्यक्रम में दाखिले की पात्रता में कटौती कर सकता है।
इसके तहत इंजीनियरिंग में कक्षा 12वीं में पीसीएम ग्रुप में 145 अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश देने की घोषणा की जा सकती है, जबकि फार्मेसी में पीसीबी ग्रुप में इतने ही अंक लाने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए पात्र माना जा सकता है।
इस फैसले के बाद ही पाठ्यक्रम की ऑन लाइन एप्लीकेशन की सीमा तीसरी बार बढ़ाई जा सकती है। राज्य तकनीकी शिक्षा निदेशालय के सूत्रों ने भी इस बात की संभावना जतायी है।
सभी है हैरत में
एक समय था जब इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए विद्यार्थियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ता था। किन्तु पिछले दो वर्षो से पाठ्यक्रम के क्रेज में जबर्दस्त कमी आई है। गत वर्ष 6 हजार सीटें खाली थी। इस बार 10 हजार सीटें खाली हैं।
गत वर्ष फार्मेसी की महज 50 सीटें खाली थीं इस बार 200 सीटें खाली हैं। रिक्त सीटों की संख्या से संस्था संचालक समेत तकनीकी शिक्षा निदेशालय के अधिकारी भी हैरत में हैं।
पॉलिटेक्निक में मारा मारी
पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम में प्रवेश पात्रता 35 फीसदी अंक की करने के बाद प्रवेश प्रक्रिया में रौनक लौट आई है। महज एक दिन में 4 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश के लिए आवेदन किया है।
प्रवेश प्रक्रिया के लिए ऑन लाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 4 जुलाई से बढ़ाकर 11 जुलाई कर दिया गया है(दैनिक भास्कर,नागपुर,3.7.11)।
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