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08 जुलाई 2011

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालयःअनुभवी ही बनेंगे व्याख्याता

इन दिनों राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय को अनुभवहीन व्याख्याताओं के चलते बदनामी सहनी पड़ रही है। 'दिन दुगुनी रात चौगुनी' गति से खुल रहे तकनीकी शिक्षा के कॉलेजों में योग्य व्याख्याता नहीं होने के कारण ही संभवत: पिछले दिनों प्रश्न-पत्र आउट और परीक्षा में गड़बडियां जैसी परिस्थितियां सामने आई।

बड़ी बात तो यह है कि विश्वविद्यालय ने व्याख्याता बनने के लिए तो योग्यता का निर्धारण कर रखा है, लेकिन परीक्षा कार्य के लिए केन्द्र अधीक्षक जैसे महत्वपूर्ण पद के लिए कोई योग्यता का निर्धारण नहीं है। यहां किसी भी व्याख्याता को लगाकार काम चला दिया जाता है। अब नए व्याख्याताओं को परीक्षा कार्यो की जानकारी नहीं होने के चलते कई बार गलत पेपर खुल जाते हैं तो कभी विद्यार्थियों की व्यवस्थाओं में परिवर्तन हो जाता है। जिसका असर परीक्षा के दौरान या परीक्षा के बाद देखने को मिलता है।

ठोकर खाई, अब सबक

विश्वविद्यालय में पिछले दिनों एक के बाद एक प्रश्न-पत्र के आउट होने की सूचनाएं और प्रश्नपत्रों के एसएमएस पर आ जाने के बाद विश्वविद्यालय की नींद उड़ी और अब विश्वविद्यालय इस व्यवस्था के लिए ठोस उपाय करने में लगा हुआ है।
यह होंगे परिवर्तन
परीक्षा केन्द्र संचालक के लिए न्यूनतम योग्यता व अनुभव निर्धारित किया जाएगा। इसी आधार पर परीक्षा केन्द्र के केन्द्राधीक्षक नियुक्त किए जा सकेंगे। प्रमुख शहरों व अधिक कॉलेज वाले स्थानों के आस-पास नोडल सेंटर्स भी बनाए जा सकते हैं। जहां से प्रश्न-पत्र परीक्षा से कुछ पहले ही दिए जाएं।प्रश्न-पत्र की सुरक्षा के लिए विशेष सुझाव संबंधित कॉलेजों को दिए जाएंगे।

विश्वविद्यालय परीक्षा संबंधी योग्यताओं में परिवर्तन करेगा। परीक्षा केन्द्र अधीक्षक के लिए कम से कम 5 वर्ष का अनुभव तो होना चाहिए, ऎसा अभी तक विश्वविद्यालय के नियमों में नहीं था नियम बनाकर परीक्षा केन्द्रों की सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करेंगे। -प्रो. आर.पी.यादव, कुलपति(राजस्थान पत्रिका,कोटा,8.7.11)

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