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21 जुलाई 2011

डीयू ने कॉलेजों से बची सीटों का डेटा मांगा

डीयू के निर्देश पर कॉलेजों ने ओबीसी के लिए सात कट ऑफ लिस्ट जारी की लेकिन अभी भी काफी कॉलेजों में ओबीसी सीटें बची हैं। कॉलेजों ने जनरल और ओबीसी कैंडिडेट की कट ऑफ में 10 पर्सेंट तक का गैप रखा था। उधर ओबीसी की सातवीं कट ऑफ लिस्ट के आधार पर मंगलवार को एडमिशन का लास्ट डे था और अब कॉलेजों को यूनिवर्सिटी के अगले निर्देश का इंतजार है। फिलहाल तो ओबीसी की सीटों के कन्वर्जन पर रोक है।

यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलेजों से ओबीसी की बची हुई सीटों का डेटा मांगा है। रजिस्ट्रार आर. के. सिन्हा का कहना है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है और यूनिवर्सिटी इस सुनवाई के बाद ही कॉलेजों को कोई दिशा-निदेर्श जारी करेगी। कॉलेजों से डेटा मांगा गया है ताकि यह पता चल सके कि किस कॉलेज में कितनी सीटें हैं और किन कॉलेजों ने 10 पर्सेंट गैप के फॉर्म्युले को अपनाया है।

इस बार जनरल कैटिगरी के लिए पांच कट ऑफ जारी हुई थी और ओबीसी के लिए अभी तक सात कट ऑफ आउट हो गई हैं लेकिन कॉलेजों में फिर भी सीटें बची हैं। सत्यवती कॉलेज में ओबीसी की 100 सीटें, रामलाल आनंद कॉलेज में 50 और दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में करीब 37 सीटें बची हैं। कॉलेजों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के आदेश के बाद ही सीटों के कन्वर्जन के बारे में कोई फैसला लिया जा सकता है।



गौरतलब है कि ओबीसी की बची हुई सीटों को 15 जुलाई को जनरल कैटिगरी के स्टूडेंट्स के लिए कनवर्ट किया जाना था लेकिन डीयू ने कन्वर्जन पर रोक लगाते हुए दो और कट ऑफ जारी करने का निदेर्श दिया था। 21 जुलाई से डीयू में नया सेशन शुरू हो रहा है(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,20.7.11)।

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