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13 जुलाई 2011

देवी अहिल्या विश्वविद्यालयःहर तीसरी परीक्षा में गलत मूल्यांकन

यूनिवर्सिटी की मूल्यांकन व्यवस्था पर प्रश्न-चिह्न् लग गया है। लगभग हर तीसरी परीक्षा में किसी विषय में कॉपियों के गलत मूल्यांकन की शिकायतें सामने आ रही हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस तरह की 90 फीसदी शिकायतें सही पाई जा रही हैं लेकिन यूनिवर्सिटी ने केवल दो मूल्यांकनकर्ता को नोटिस जारी करने के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

जान-बूझकर फेल किया
मंगलवार को बीएचएमएस चौथे प्रोफ के 40 से अधिक विद्यार्थी कुलपति से मिलने पहुंचे। उन्होंने गंभीर शिकायत की कि सारे सवालों के सही जवाब लिखने के बाद भी जानबूझकर हमें पीएसएम में फेल कर दिया गया है।

500 छात्र प्रभावित

पिछले सप्ताह बीबीए पांचवें सेमेस्टर के छात्रों की शिकायत थी कि बिजनेस टैक्स और एक अन्य विषय में गलत तरीके से कॉपियां जांची गई। यूनिवर्सिटी ने गलती मानी दोबारा मूल्यांकन का निर्णय लिया। इससे करीब 500 छात्र प्रभावित हुए थे।

50 अंकों के सही जवाब दिए, मिले दो अंक
- 50 अंकों के पांच सवालों के सही जवाब देने पर भी केवल दो अंक दिए।
- 80 अंकों का प्रश्न-पत्र 80 फीसदी सही हल करने पर मिले केवल चार अंक।
- 100 अंकों के पांच प्रश्नों में से तीन सही होने पर मिला केवल एक अंक।
- 40 अंकों के चार प्रश्न पूरी तरह सही होने पर भी मिला जीरो।

ऐसे हो समाधान
- पात्र शिक्षकों के ही कॉपियां जांचना अनिवार्य किया जाए।
- मूल्यांकनकर्ताओं का पूर्ण भुगतान समय पर हो।
- गलत मूल्यांकन के लिए कड़ी सजा तय हो।

शिकायतों की लिस्ट
- बीबीए पांचवें सेमेस्टर (बिजनेस टैक्सेशन) के 500 से ज्यादा छात्र गलत मूल्यांकन के कारण फेल।
- बीपीटी (प्रथम और द्वितीय वर्ष) की परीक्षा में एक विषय का पूरी तरह गलत मूल्यांकन।
- बीबीए चौथे सेमेस्टर (बिजनेस कॉस्टिंग) के पेपर की कॉपियों का गलत मूल्यांकन।
- बीएचएमएस चौथे प्रोफ में पीएसएम विषय के गलत मूल्यांकन की शिकायत। (अभी शिकायत का परीक्षण होना बाकी)
- बीएससी फस्र्ट सेमेस्टर में गलत मूल्यांकन के चलते 60 फीसदी छात्र फेल।
-एमएससी जूलॉजी थर्ड सेमेस्टर में गलत मूल्यांकन की शिकायत(दिनेश जोशी,दैनिक भास्कर,इन्दौर,13.7.11)।

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