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30 जुलाई 2011

अब सीए को पीएचडी के लिए पीजी नहीं करनी पड़ेगी

यूजीसी द्वारा सीए डिग्री को पीजी के समकक्ष मानने पर अब सीए पीएचडी कर विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षण को भी अपना कॅरिअर बना सकेंगे। यूजीसी के इस निर्णय से चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रोफेशन में काम करने वालों में खासी खुशी देखी गई है।

उन्होंने कहा कि कॉमर्स के कई ऐसे विषय हैं जहां वे अपने अनुभव का लाभ छात्र-छात्राओं को दे पाएंगे।

यूजीसी का सकारात्मक निर्णय :


इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑफ इंडिया के स्थानीय स्कंध के अध्यक्ष सुधीर मेहता का कहना है कि यूजीसी का यह सकारात्मक निर्णय है। इससे इस प्रोफेशनल क्षेत्र में काम करने वालों को आगे पीएचडी करने का मौका मिलेगा। इस निर्णय का लाभ कई बच्चों को मिलेगा जो वर्तमान में सीए प्रैक्टिस में हैं, उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। इस निर्णय से नेट, स्लेट करने का मौका भी मिल पाएगा।
रिसर्च में गुणवत्ता आएगी 

डॉ.निर्मल कुणावत (सीए) का कहना है कि सीए फील्ड में काम करने वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पीएचडी करने से एकाउंटेंसी, बैंकिंग आदि विषयों में गुणवतायुक्त रिसर्च हो पाएगी। पूर्व में सीए करने के बाद पीजी करने की बजाए लोग प्रोफेशनल जॉब में ही अपना ध्यान केंद्रित करते थे लेकिन अब सीए भी शिक्षण क्षेत्र में आगे आएंगे।

65 वर्ष की आयु में की पीजी 

वरिष्ठ सीए डॉ. ओमप्रकाश चपलोत बताते हैं कि उन्हें पीएचडी करने के लिए 65 वर्ष की आयु में प्राकृत में पीजी करनी पड़ी। यूजीसी के इस निर्णय से अब युवाओं को मौका मिलेगा(दैनिक भास्कर,उदयपुर,30.7.11)।

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