मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

30 जुलाई 2011

डीयूःसिख स्टूडेंट्स के लिए आधी सीटें रिजर्व!

डीयू के चार कॉलेजों को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा हासिल हो गया है और अगले साल से इन कॉलेजों में एडमिशन पॉलिसी भी बदल जाएगी। एसजीटीबी खालसा कॉलेज, श्री गुरु गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स, श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज और माता सुंदरी कॉलेज में सिख कैंडिडेट के लिए 50 पर्सेंट तक सीटों के रिजर्वेशन का रास्ता अब साफ हो गया है। इन 50 पर्सेंट सीटों पर एडमिशन का आधार क्या होगा व कट ऑफ किस तरह से तय की जाएगी, इस बारे में कॉलेज की गवर्निंग बॉडी फैसला लेगी।

नॉर्थ कैंपस स्थित एसजीटीबी खालसा कॉलेज के चेयरमैन सरदार हरविंदर सिंह सरना ने बताया कि अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा हासिल करने के लिए पिछले छह साल से प्रयास किए जा रहे थे और यह मांग उठाई जा रही थी। उन्होंने कहा कि इन कॉलेजों में सिख कैंडिडेट को पहले भी एडमिशन में रियायत दी जाती थी, लेकिन अब उनके लिए 50 पर्सेंट तक सीटें रिजर्व की जा सकती हैं। इन चारों कॉलेजों के प्रिंसिपल, टीचर्स प्रतिनिधियों ने चेयरमैन के साथ मीटिंग भी की और इस मसले पर चर्चा की।


खालसा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. जसविंदर सिंह ने बताया कि सिख कैंडिडेट की एडमिशन पॉलिसी के बारे में गवर्निंग बॉडी में फैसला लिया जाएगा। अभी तक इन कॉलेजों में सिख कैंडिडेट को एडमिशन में 3 से 5 पर्सेंट मार्क्स की रियायत दी जाती है। उन्होंने बताया कि टीचर्स की सविर्स कंडीशन पहले की तरह ही रहेंगी और इनमें कोई बदलाव नहीं होगा। 
गौरतलब है कि डीयू में सेंट स्टीफंस कॉलेज व जीसस एंड मेरी कॉलेज को भी अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा मिला हुआ है और इन दोनों कॉलेजों की एडमिशन पॉलिसी बिल्कुल अलग रहती है। जहां डीयू के बाकी कॉलेजों में इस बार रजिस्ट्रेशन फॉर्म के बिना एडमिशन हुए, वहीं सेंट स्टीफंस कॉलेज में पहले की तरह ही स्टूडेंट्स को फॉर्म भरने पड़े। सेंट स्टीफंस कॉलेजों में जनरल और क्रिश्चियन कैंडिडेट की कट ऑफ अलग- अलग होती है। अब अगले साल खालसा कॉलेज में एडमिशन पॉलिसी में बदलाव देखने को मिलेंगे(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,29.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।