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28 जुलाई 2011

मरीन इंजीनियरिंग में करिअर

मरीन इंजीनियरिंग भी इंजीनियरिंग का ही एक हिस्सा है, जिसके अंतर्गत नॉटिकल आर्किटेक्चर एवं साइंस का अध्ययन किया जाता है। जानकारों का कहना है कि धरती की तीन चौथाई सतह पानी से घिरी है। एक मरीन इंजीनियर को यंत्रों की सहायता से इनका अध्ययन करना होता है। कार्यशैली के हिसाब से यह प्रोफेशन बेहद उत्साहजनक एवं चुनौतीपूर्ण है।

काम का समय शिप पर
विभिन्न ब्लॉकों में चार-चार घंटे के हिसाब से राउंड डय़ूटी होती है। इस दौरान उन्हें शिप की देखभाल करनी होती है।
पोर्ट पर
जूनियर इंजीनियर देखरेख में लगे रहते हैं, जबकि अन्य इंजीनियर सुबह से लेकर शाम तक रिपेयर एवं मेंटेनेंस का काम देखते हैं। जब शिप पोर्ट पर होती है तो क्रू मैंबर वहां की स्थानीय जगहों पर घूमने के लिए चले जाते हैं।
मिलने वाली सेलरी
एक जूनियर मरीन इंजीनियर की ऑपरेशनल लेवल पर सेलरी 1000 से लेकर 2000 अमेरिकी डॉलर प्रतिमाह (लगभग 70000 रुपए) होती है। धीरे-धीरे यह बढ़ कर 8000 अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाती है, जबकि एक चीफ इंजीनियर को 10000 अमेरिकी डॉलर (करीब पांच लाख रुपए प्रतिमाह) मिलते हैं।
आवश्यक अभिरुचि
मानसिक मजबूती, शिप की मेंटेनेंस में दिलचस्पी (क्योंकि यह जीवन और मृत्यु का मामला होता है)।
लक्ष्य के प्रति संकल्प, कठिन परीक्षा, रेगुलर उपस्थित रहने की बाध्यता।
लोगों के प्रति सहृदयता, खासकर समुद्र में, क्रू को अपना परिवार मानने की मानसिकता होनी चाहिए।

अधिक समय घर से बाहर समुद्र में रहने की क्षमता होनी चाहिए।
योग्यता
फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स सहित बाहरवीं उत्तीर्ण करने के पश्चात मरीन इंजीनियरिंग के विभिन्न पाठय़क्रमों के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा के योग्य हो जाते हैं। देश का सबसे पुराने मरीन इंजीनियरिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, कोलकाता चार वर्षीय बैचलर इन मरीन इंजीनियरिंग से संबंधित कोर्स कराता है।
प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान
इंडियन मेरीटाइम यूनिवर्सिटी, चेन्नई
वेबसाइट- www.nipm.tn.nic.in
लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज ऑफ एडवांस मेरीटाइम स्टडीज एंड रिसर्च, मुंबई
वेबसाइट- www.dgshipping.com
हल्दिया इंस्टीटय़ूट ऑफ मेरीटाइम स्टडीज एंड रिसर्च, पश्चिम बंगाल
वेबसाइट- www.himsar.org
फायदे एवं नुकसान
अत्यधिक आकर्षक सेलरी प्रदान करने वाली जॉब
विश्वस्तरीय क्षमता का विकास
पूरे विश्व का भ्रमण(संजीव कुमार सिंह,हिंदुस्तान,दिल्ली,27.7.11)

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