मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

04 जुलाई 2011

छत्तीसगढ़ःव्यापमं ने एजेंसी के भरोसे छोड़ी थी पीएमटी, निगरानी तक नहीं की

छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने 11 मई को सवालों के रिपीट होने की वजह से निरस्त हुई पीएमटी से कोई सीख न लेते हुए 19 जून की पीएमटी के लिए परीक्षा एजेंसी पर आंख बंद कर भरोसा किया। व्यापमं ने गोपनीयता का हवाला देकर पर्चो से संबंधित कार्यो से दूरी बना रखी थी। यही वजह है कि परीक्षा के तीन दिन पहले ही पर्चा लीक हो गया, लेकिन मंडल के अधिकारियों को इसकी खबर तक नहीं लगी।

एजेंसी पर भरोसे का कारण केवल इतना था कि महिम पैटर्न प्राइवेट लिमिटेड ने पीईटी की परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित की थी। पर्चे सेट करवाने से लेकर ट्रेजरी तक पहुंचाने में एजेंसी की भूमिका ही मुख्य थी। पर्चो को सेट करने वाली परीक्षा एजेंसी के कामों की निगरानी करने के लिए व्यापमं के पास कोई सिस्टम ही नहीं है। मंडल के अधिकारी एक भी बार परीक्षा एजेंसी के मुख्य कार्यालय नहीं जाते।


इतना ही नहीं पर्चो की छपाई किस प्रिंटिंग प्रेस में कैसे हो रही है इसकी भी जांच नहीं की जाती। व्यापमं में ऐसा कोई नियम या प्रक्रिया ही नहीं होती, जिसके तहत इन कामों की जांच हो सके। एक बार ठेका देने के बाद व्यापमं केवल पर्चो के आने का इंतजार करता है।

पीएमटी के पर्चे तय करने वाली परीक्षा एजेंसी व्यापमं के परीक्षा नियंत्रक को केवल कार्य पूरा होने की जानकारी देती थी। पीएमटी के प्रश्न पत्र तैयार हो गए, पर्चो की छपाई हो गई और पर्चे छत्तीसगढ़ की ट्रेजरियों के लिए निकल गए हैं। इन सूचनाओं की क्रास चेकिंग का इंतजाम भी व्यापमं के पास नहीं था। 

परीक्षा एजेंसी की ओर से दी गई जानकारियों पर ही उन्हें भरोसा करना पड़ता था। बार-बार गोपनीयता का हवाला देकर मंडल के अधिकारी यह तक नहीं देखते थे कि प्रश्न पत्रों की छपाई और ट्रेजरी तक पहुंचाने के दौरान विशेष सुरक्षा बरती जा रही है या नहीं।पर्चे सेट कर प्रदेश के 16 जिलों की ट्रेजरी में प्रश्न पत्र सुरक्षित पहुंचाने का काम करने वाली परीक्षा एजेंसी के पास 16 अलग-अलग नोडल अधिकारियों के हस्ताक्षर वाली पावती है। 

इसमें पैकेट सही संख्या में होने के साथ प्रश्न पत्रों की सील सही सलामत होने का जिक्र ऐसे में पुलिस जांच के दौरान परीक्षा एजेंसी इन पावतियों का इस्तेमाल अपने बचाव के लिए कर सकती है। मंडल से मिली जानकारी के अनुसार प्रश्न पत्रों की सील और पैकेटों की जांच के बाद ही नोडल अधिकारी इसकी पावती देते हैं।पैकेटों में किसी भी तरह की छेड़छाड़ होने पर नोडल अधिकारी इसे स्वीकार नहीं करते हैं।

यह है समाधान

पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए इस बार परीक्षा को फूल प्रूफ बनाने के लिए क्या सुधार किए जाएं, इस पर व्यापमं में मंथन चल रहा है। प्रश्न पत्र एक जगह सेट करके दूसरी जगह छपवाने का एक विचार सामने आया है(दैनिक भास्कर,रायपुर,4.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।