मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

13 जुलाई 2011

विदेश में खर्च प्रबंधन में करिअर

विदेशी कॉलेजों और संस्थानों में पढ़ने की चाहत हर किसी की होती है और ज्यादातर छात्र अपने सपने को साकार करने में सफल भी हो जाते हैं। भारत की तुलना में विदेशों में रहकर पढ़ाई के दौरान दूसरे तमाम खर्च भी काफी होते हैं। हर छात्रों में अलग-अलग तरीके की आदतें होती हैं और वे उसी के मुताबिक काम भी करतेहैं। ऐसे में, तय करना पड़ता है कि उनके पास कितने पैसे हैं और कितनी आमदनी होती है। सभी छात्रों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जब वे स्वदेश से इतनी दूर रहेंगे तो वहां उन्हें अपनी सहायता खुद ही करनी होगी, स्वतंत्र रहना होगा।

दूसरे देश में रहना एक अनोखा और लाइफ चेंजिंग अनुभव है। विदेश में शिक्षा युवाओं को एक मौका देता है चाहे वह कल्चर की बात हो, सामाजिकता की बात हो या फिर एकेडमिक या पर्सनली। विदेश जाने के लिए जहां आपको जाने से कई महीने पहले से तैयारी करनी पड़ती है, वहीं वहां जाने के बाद आपकी आर्थिक दिक्कत भी कम नहीं होती। गौरतलब है कि स्वतंत्र रहने पर ही जिम्मेदारी महसूस होती है लेकिन अकसर वे अपने कल्चर में बदलाव ले आते हैं जिस कारण उनका फिट बैठना दांव पर लगा होता है। ऐसे में, उनका खर्च बढ़ जाता है। हालांकि विदेश में पढ़ने के लिए भारतीय छात्रों के लिए तमाम स्कॉलरशिप और फेलोशिप मौजूद हैं, बावजूद इसके सभी को बाहर जाने से पहले और बाद में बजट तैयार करना चाहिए और उसके मुताबिक चलना भी चाहिए। विदेश में अध्ययन के दौरान एक-एक पैसे का हिसाब रखना जहां आवश्यक हो जाता है, वहीं हमेशा सतर्क रहना होता है।

बजट

अपने बजट से अधिक कभी भी खर्च न करें। यह न भूलें कि आप एक छात्र हैं और विदेश में अध्ययन करना काफी खर्चीला है और चीजें मुफ्त में नहीं मिलतीं। विदेशों में आपकी इच्छा दोस्तों के साथ बाहर खाना खाने, फिल्म देखने या फिर लोकल बार में जाने की हो सकती है, ऐसे में खुद पर कंट्रोल रखना जरूरी है। यदि जरूरी हो, तभी जाएं।

मासिक/ साप्ताहिक बजट


अपने बजट को संतुलित रखने के लिए आप अपना मासिक बजट बनाएं और हर हफ्ते उसे चेक करते रहें कि उनका खर्च मासिक बजट से अधिक न हो। यदि संभव हो तो हर दिन अपने खर्च को लिखें। हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि पूरे महीने के लिए आपके पास कितना पैसा है और कितना खर्च होगा। यदि किसी हफ्ते अधिक खर्च हो गया तो अगले हफ्ते इस खर्च का ख्याल रखें। इससे आपका बजट काफी संतुलित रहेगा।

डेबिट व क्रेडिट को करें मैनेज

अपनी रूटीन लाइफ को हमेशा मैनेज करें और याद रखें कि आप अपने घर पर नहीं रह रहे हैं। आकस्मिक खर्च के लिए हमेशा कुछ न कुछ पैसा अपने पास जरूर रखें। हमेशा क्रेडिट कार्ड का प्रयोग न करें। डेबिट कार्ड का प्रयोग करते समय इस बात का ख्याल रखें कि आपके पास कितने पैसे हैं और कितने पैसे खर्च कर रहे हैं।

जॉब करें

अपने बजट को मैनेज करने के लिए कोई न कोई जॉब करें। ऐसा विदेश में पढ़ने वाले ज्यादातर छात्र करते हैं । एजुकेशन कंसल्टेंट द चोपड़ा’ज के मुताबिक, पार्टटाइम जॉब तो हमेशा मिल जाता है जिससे आप अपने मासिक बजट को संतुलित कर सकते हैं। विदेश में पढ़ाई के दौरान एक्स्ट्रा खर्च काफी होता है, ऐसे में पार्टटाइम जॉब काफी राहत देता है। इससे जहां आप पढ़ाई के दौरान काम सीख सकते हैं, वहीं आपमें जिम्मेदारी की भावना भी आती है।

स्कॉलरशिप भी अहम

विदेशी संस्थानों में अध्ययन करने वालों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें कहां-कहां से स्कॉलरशिप के साथ आर्थिक सहायता मिल सकती है। यह सहायता आपके बजट को नियंत्रित रखता है। इस बात को भी सु निश्चित करें कि आपको स्कॉलरशिप के तहत मिले फंड में से कितना अंश कोर्स को देना है और खुद पर कितना खर्च कर सकते हैं। इस संबंध में तमाम जानकारी मसलन लोन, ग्रांट, स्कॉलरशिप आदि की जानकारी होनी चाहिए।

क्या होता है खर्च

लिविंग एक्सपेंसेज: हाउसिंग, मील एकेडमिक एक्सपेंसेज: टय़ूशन, बुक्स ट्रेवल एक्सपेंसेज: एयरफेयर, पासपोर्ट, वीजा, लोकल ट्रांसपोर्टेशंस कम्युनिकेशन एक्सपेंसेज: इंटरनेट एक्सेस, सेल फोन प्रोग्राम एक्सपेंसेज: एप्लीकेशन फी, ग्रुप एक्सकुर्सन हेल्थ एंड सेफ्टी एक्सपेंसेज: इंश्योरेंस, इम्युनिजाइशन पर्सनल एक्सपेंसेस: सोवेनियर्स, इंटरटेनमेंट

एक्सचेंज रेट ध्यान रखें

अपने बजट को संतुलित रखने के लिए हमेशा एक्सचेंज रेट को ध्यान में रखें। जब आप विदेश जाने की तैयारी करें तो बजट तय कर लें। फुड, ट्रेवलिं ग, लॉजिंग, सोवेनियर, एक्स्ट्रा कैश आदि को लेकर करें। विदेश जाने के प्रोसेस, आवेदन, वीजा, कॉ लेज टय़ूशन फीस के अलावा रहने के बजट को भी ध्यान देना चाहिए। बैलेंस्ट लाइफ बिताने के लिए बजट को मैनेज करने की कला सीखें। यदि पढ़ाई के दौरान कैंपस में न रहकर बाहर रहना सस्ता होता हो, तो बाहर रहें। कैंपस से सटे इलाके में रहें। अकेले रहने में अधिक खर्च होता हो, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर में रहें। इससे जहां आप सामाजिकता सीख पाएंगे, वहीं लोगों के साथ कैसे तालमेल बिठाया जाता है, जान पाएंगे। यदि आप किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं तो उसका कुछ पैसा आप स्थानीय बैंक में फिक्स डिपॉजिट के तौर पर जमा कर सकते हैं। जब आपको जरूरत हो तो उस पैसे को निकाल भी सकते हैं।

(विनीत,राष्ट्रीय सहारा,12.7.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।