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19 अगस्त 2011

बिहारः2100 डॉक्टर, 4000 नर्सें होंगी बहाल

स्वास्थ्य की समुचित सुविधा को ध्यान में रख कर राज्य सरकार बड़े पैमाने पर चिकित्सकों व नसरे की नियुक्ति करने जा रही है। साथ ही पहले से बहाल नसरे की बेहतरी के लिए प्रशिक्षण दिलाने की भी व्यवस्था की जायेगी। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने दी। श्री सिन्हा ने सूचना भवन के संवाद कक्ष में संवाददाताओं को बताया कि 1500 से अधिक नये चिकित्सकों की नियमित नियुक्ति हेतु अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग को भेजी गई है। वहीं स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञ उप संवर्ग हेतु 2132 चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग को अधियाचना भेजी गई है। इसके सहयोग से राज्य के 72 अस्पतालों में सर्जरी की सुविधा पूरी तरह से उपलब्ध कराने की कोशिश भी हो रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यह प्रक्रिया पूर्ण होने पर है तथा नियुक्ति के लिए 44 मूच्र्छकों (एनेस्थेसिस्ट) की पहली सूची विभाग को प्राप्त हो गई है। शीघ्र ही शिशु रोग, सर्जरी तथा महिला रोग विशेषज्ञ भी इस प्रक्रिया से चयनित होकर योगदान देंगे। इसके साथ ही चिकित्सा क्षेत्रों में सह प्राध्यापक, सह सहायक प्राध्यापक के पदों को नियमित रूप से अथवा अनुबंध के आधार पर भरने की भी तैयारी विभाग द्वारा की जा रही है। प्रधान सचिव ने कहा कि राज्य सरकार 20 हजार उप केन्द्रों पर दो एएनएम की आवश्यकता को ध्यान में रख कर विचार कर रही है। इस लिहाज से लगभग 40 हजार नसरे की जरूरत पड़ेगी। राज्य सरकार शीघ्र ही इनका नियोजन करने जा रही है। वैसे स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से राज्य में 80 हजार आशा, 7258 एएनएम 1474 ग्रेड स्टाफ नर्स को अनुबंध पर नियुक्त किया गया है। नसरे की कमी का कारण राज्य में बीएससी नर्सिग की व्यवस्था का नहीं होना है। इधर राज्य सरकार कुर्जी अस्पताल व आईजीआईएमएस में शीघ्र ही इसकी पढ़ाई शुरू करने जा रही है। श्री सिन्हा ने कहा कि वैसे सरकार मार्च 2012 तक 9 एएनएम व 4 जीएनएम नर्सिग स्कूल भी खोलने जा रही है। एएनएम स्कूल के लिए 5 करोड़ तथा जीएनएम स्कूल के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि इधर शिकायत मिल रही थी कि जो नर्स बहाल हैं उन्हें भी ठीक से काम करना नहीं आता है। इस शिकायत को दूर करने के लिए राज्य सरकार पहली बार नर्स टेस्टिंग स्किल लैब के जरिये उन्हें पुन: प्रशिक्षित करने जा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार छह मेडिकल कॉलेजों में भी नर्सिग कॉलेज की व्यवस्था करने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारत सरकार से मांग की गई है कि बिहार में नर्सिग व पारा मेडिकल संस्थानों की स्थापना में विशेष प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में बारह नये चिकित्सा महाविद्यालय खोलने की जरूरत है जबकि मात्र तीन महाविद्यालय ही खोले जा सके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि पंचवर्षीय योजना के तहत ही मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज को एम्स की तर्ज पर उत्क्रमित किया जाये। इसके लिए एम्स के संबंधित पदाधिकारी से बात भी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तमाम संसाधनों को पूरा करने के बाद इसी वर्ष पावापुरी, मधेपुरा व बेतिया मेडिकल कॉलेज का एमसीआई द्वारा निरीक्षण कराना चाहती है। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने केन्द्र से पोलियो की समाप्ति के लिए एक अतिरिक्त चक्र चलाने का आग्रह किया है। यह चक्र 28 अगस्त से चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां वैसे पल्स पोलियो के छह चक्र चलाये गये हैं। इस चक्र के दौरान 95.5 प्रतिशत से भी अधिक बच्चे को प्रतिरक्षित किया जा चुका है(राष्ट्रीय सहारा,पटना,19.8.11)।

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