मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

01 अगस्त 2011

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में सेल्फ फाइनेंस शिक्षकों की नियुक्ति में खेल!

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय परिसर के सेल्फ फाइनेंस कोर्स के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में खेल हुआ है। इसकी शिकायत राजभवन से की गई है। एक अभ्यर्थी और कूटा की तरफ से कहा गया है कि सामान्य श्रेणी के 23 पदों पर 16-17 ओबीसी अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ। सामान्य श्रेणी के सभी योग्य अभ्यर्थियोें को मौका नहीं दिया गया है। इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।

विवि परिसर के आठ विभागों में 43 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। प्रवक्ता, रीडर और प्रोफेसर पद के साक्षात्कार मई 2011 में कराए गए थे। इनकी नियुक्ति के लिफाफे चार अगस्त को प्रस्तावित कार्य परिषद की बैठक में खुलने हैं। हालांकि इससे पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। राजभवन से की गई शिकायत में कहा गया है कि एससी, एसटी के 13 पदों के लिए साक्षात्कार होना था। इसके लिए आवेदन भी आए, लेकिन ज्यादातर अभ्यर्थियों को अयोग्य ठहराकर वापस कर दिया गया। साक्षात्कार प्रक्रिया में ओबीसी अभ्यर्थियों को तरजीह दी गई। इस कारण शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया संदेह के घेरे में आ गई है। कुलपति प्रोफेसर हर्ष कुमार सहगल का कार्यकाल 20 अगस्त को समाप्त हो रहा है। ऐसे में कार्य परिषद की बैठक और नियुक्ति का लिफाफा खोलना गलत है। 

इन विभागों के लिफाफे खुलेंगे
शारीरिक शिक्षा विभाग : चार पद, फूड टेक्नोलॉजी : छह पद, चित्रकला विभाग-चार पद, संगीत-चार पद, इंस्टीट्यूट आफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट- छह पद, एमएसडब्लू-दो पद, एमफिल समाज शास्त्र-दो पद, आईबीएम-15 पद

‘राजभवन से अनुमोदित सेलेक्शन कमेटी ने शिक्षकों का साक्षात्कार किया। सभी नियम-कानूनों का अनुपालन हुआ है। सामान्य पदों पर किसी भी वर्ग के योग्य अभ्यर्थी का चयन हो सकता है। यदि योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलते हैं तो सेलेक्शन कमेटी साक्षात्कार स्थगित कर देती है। फिर विज्ञापन निकालकर नए सिरे से आवेदन मांगे जाते हैं। नियुक्ति प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है।’ - प्रोफेसर हर्ष कुमार सहगल, कुलपति सीएसजेएम 

‘कार्यकाल समाप्त होने से पहले कुलपति को विवादित निर्णय नहीं लेना चाहिए। यदि शिक्षकों के साक्षात्कार में आरक्षण नियमावली की अनदेखी कर किसी वर्ग विशेष को महत्व दिया गया है तो गलत है। नियुक्ति प्रक्रिया व लिफाफा खोलने पर रोक लगनी चाहिए। शिक्षक संघ भी इस मामले में राजभवन से हस्तक्षेप करने की मांग करेगा।‘ - डा. विवेक द्विवेदी, महामंत्री कूटा(अमर उजाला,कानपुर,1.8.11)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।