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01 अगस्त 2011

पंजाबःदो पाटों के बीच फंसे शिक्षक

प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षक दो पाटों के बीच बुरी तरह से फंस गए हैं। एक ओर वह सुबह के समय स्कूल में विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे, वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही उनकी ड्यूटी वोट तैयार करने को लगा दी है। इन अध्यापकों को अपना काम पूरा करने के लिए निर्धारित समय दिया गया है। ऐसे में शिक्षकों की सिरदर्दी काफी बढ़ गई है, क्योंकि अगर स्कूलों का परिणाम गिरा तो उन पर गाज गिरनी तय है। वहीं अगर वह चुनावी काम समय पर पूरा नहीं करते तो भी फंसते हैं।

जानकारी के अनुसार जालंधर में ही सौ से अधिक अध्यापकों की ड्यूटी विधानसभा क्षेत्र में लगा दी। इन शिक्षकों को काम समाप्त करने के लिए चार दिन का समय दिया है। इसके साथ ही निर्देश भी दिए हैं कि यह काम स्कूल से जाने के बाद शाम को करना है। हर अध्यापक को कार्य के लिए एक से दो गांव का जिम्मा सौंपा गया है, जिसमें शिक्षकों को प्रत्येक घर में जाकर जानकारी बटोरनी है। इससे शिक्षक काफी परेशान चल रहे हैं। पंजाब गवर्नमेंट टीचर यूनियन के सदस्य करनैल सिंह संधू ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहले से ही अध्यापकों की काफी कमी चल रही है। वहीं चुनावी काम भी अध्यापकों को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि यह गलत है, इस संबंध में शिक्षा विभाग को लिखा जाएगा। उधर, जिला शिक्षा अधिकारी सीनियर कमलकांत ऐरी ने कहा कि चुनावी काम में अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन उन्हें अपने निवास स्थान के नजदीक वाला गांव ही दिया है, इससे परेशानी नहीं आएगी। 
शिक्षा मंत्री सेवा सिंह सेखवां ने कहा कि अध्यापकों से चुनावी काम शाम के समय लिया जा रहा है। इससे स्कूल के बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पडे़गा। अगर किसी अध्यापक को परेशानी आती है तो विभाग को लिख सकता है(अमर उजाला,जालंधर,1.8.11)।

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