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10 अगस्त 2011

लखनऊःविभागीय गड़बड़ी से अटकी छात्रवृत्ति

प्राथमिक विद्यालय घोसियारी, पूर्व माध्यमिक विद्यालय अमौसी द्वितीय समेत कई स्कूलों के विद्यार्थियों को इस वर्ष छात्रवृत्ति नहीं मिली। विभागीय जांच में पता चला कि खाता संख्या गलत होने के कारण विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल सका। जिले में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या लगभग दस हजार है। एक वर्ष बाद विभाग अब हरकत में आया है और खाते दुरस्त कर रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों में अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। सामान्य व अनुसूचित वर्ग के विद्यार्थियों को जिला समाज कल्याण विभाग और अन्य पिछड़ा वर्ग को जिला पिछड़ा कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। शैक्षिक सत्र की शुरूआत में प्रत्येक विद्यालय अपने यहां छात्रवृत्ति के पात्र विद्यार्थियों की सूची जिला बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय को सौंपता है। विभाग द्वारा यह सूची जिला समाज कल्याण व जिला पिछड़ा कल्याण विभाग को दी जाती है। शिक्षा विभाग छात्रवृत्ति देने वाली संस्थाओं को सूची सौंपने से पहले कई स्तर पर खातों की जांच करता है। खाता संख्या और विद्यार्थियों की संख्या जांच करने के बाद ही सूची भेजी जाती है। इसके बाद भी यदि खाता संख्या गलत है तो उस विद्यालय की छात्रवृत्ति रुक जाती है। गलत खाता संख्या के चलते जिले में पिछले वर्ष से करीब दस हजार विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति रुकी हुई है। नगर शिक्षा अधिकारी पंकज गुप्ता का कहना है कि 16 अंकों के खाता संख्या में यदि एक भी अंक इधर का उधर हुआ तो उस विद्यालय की छात्रवृत्ति रुक (ब्लाक) जाती है। ऐसे खातों की जांच हो रही है, जल्द ही छात्रवृत्ति का आंवटन हो जाएगा(दैनिक जागरण,लखनऊ,10.8.11)।

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