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12 अगस्त 2011

वाइन टेस्टिंग में करिअर

वाइन और अल्कोहल के बढ़ते बाजार के बीच वाइन टेस्टिंग प्रोफेशनल्स की मांग भी बढ़ी है।


भले ही शराब पीना सेहत की दृष्टि से हानिकारक है, पर यह भी सच है कि इसके उपभोक्ताओं की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में जरूरी है कि इससे संबंधित जो भी उत्पाद बाजार में आएं, वह ऐसे हों, ताकि लोगों के स्वास्थ्य पर उनका विपरीत असर कम-से-कम पड़े और लोगों को उनका स्वाद भाए। इसी काम के लिए वाइन टेस्टर की जरूरत पड़ती है, जो किसी भी वाइन को मार्केट में उतारने से पहले उसे चखते हैं। यह पूरी प्रक्रिया वाइन टेस्टिंग कहलाती है। यह एक ऐसी विधा है, जिसमें शराब में एल्कोहल तथा उसकी क्षमता का बारीकी से परीक्षण किया जाता है। वाइनेक्सपो/ आईडब्ल्यूएसआर - 2010 के सर्वे पर गौर करें तो शराब की तेजी से खपत करने वाले देशों की श्रेणी में भारत का स्थान दसवां है। न सिर्फ शहरी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी काफी खपत है। स्वाभाविक है कि ऐसे माहौल में वाइन टेस्टिंग प्रोफेशनल्स के लिए मौके भी बढ़ते ही जा रहे हैं।

सूंघने व चखने का कौशल
शराब को चखना एक मजेदार कैरियर है, लेकिन इसमें कठिनाइयां भी कम नहीं हैं। जरा सी चूक पर कंपनी की साख खराब होने का खतरा रहता है। इसलिए यह सारा काम प्रैक्टिस और नॉलेज पर टिका होता है। ज्यादातर वाइन टेस्टर शराब बनाने की तकनीक, शराब को टेस्ट करने के तरीके एवं उसके तापमान, रंग, फ्लेवर आदि के बारे में जानकारी रखते हैं।

स्नातक के बाद मिलेगा दाखिला
इसके विभिन्न कोर्सेज के लिए जो मापदंड तय किया गया है, उसके हिसाब से छात्र को मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी भी स्ट्रीम में स्नातक होना आवश्यक है। कोर्स के पश्चात वाइन टेस्टर को सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। इसके कोर्सेज मुख्यतः दो लेवल में आयोजित होते हैं -
0 लेवल - ।- फाउंडेशन कोर्स
0 लेवल -।।- इंटरमीडिएट कोर्स
संबंधित पाठ्यक्रमों में शराब का इतिहास, शराब बनाने के तरीके, अंगूर की वैरायटी, शराब के विभिन्न प्रकारों, वाइन सर्विस, स्टोरेज आदि को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त शराब के शारीरिक एवं मानसिक नुकसान, रिएक्शन करने पर प्रारंभिक लक्षण, शराब बनाने की विधियों आदि की जानकारी प्रदान की जाती है।

रोजगार की संभावनाएं
युवाओं में वाइन टेस्टिंग एक आकर्षक कैरियर के रूप में उभरकर सामने आया है। हॉस्पिटैलिटी से लेकर शराब बनाने वाली कंपनियों, वाइन शॉप, रेस्टोरेंट, बार आदि में बतौर वाइन टेस्टर काम किया जा सकता है। शराब का आयात-निर्यात करने वाली कंपनियां भी इन प्रोफेशनल्स को अपने यहां रखती हैं।

मुख्य संस्थान
एशिया वाइन सर्विस एंड एजुकेशन सेंटर, नई दिल्ली
मणिपाल यूनिवर्सिटी, मणिपाल
केबीआर स्कूल ऑफ वाइन, मुंबई
इंस्टीट्यूट ऑफ वाइन एंड बेवरेज स्टडीज, नई दिल्ली
वाइन एकेडमी ऑफ इंडिया, चेन्नई

(नमिता सिंह,अमर उजाला,10.8.11)

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