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03 अगस्त 2011

एम बी ए : यानी डिग्री लेते ही नियुक्ति पत्र हाथ में

भारत में उदारीकरण के चलते काफी सारी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने पांव पसार लिए हैं। जिसके चलते पिछले एक दशक में एमबीए की शिक्षा में सबसे ज्यादा उछाल आया है। बिजनेस शिक्षा के क्षेत्र में भारत में पहले दो एमबीए स्कूलों में आते हैं। आईआईएम अहमदाबाद और आईआईएम कोलकाता जो कि 1961-1962 के दौरान शुरू किए गए थे और जिनका पहले हार्वड बिजनेस स्कूल के साथ फिर बाद में मेसाच्यूसेट्स इंस्टीच्यूशन आफ टैक्रोलाजी से भी गठबंधन हुआ।
बाजार की स्थिति को देखते हुए भारत में आज 750 से भी ज्यादा संस्थान हैं जिसे इंडियन इंस्टीच्यूट आफ टैक्रीकल एजुकेशन (भारती तकनीकी शिक्षा संस्थान) से मान्यता प्राप्त है।
सुरक्षित व्यावसायिक भविष्य और बढ़ी संख्या में नौकरियों की उपलब्धता। एमबीए करवाने वाले संस्थान स्वयं ही कैम्पस साक्षात्कार कराते हैं।
स्नातक के बाद अच्छी जॉब नहीं मिलती और एमएससी, एमए और एम.कॉम के बाद भी बहुत कम अवसर हाथ में होते हैं।
एमबीए करने वालों के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं है।
एमबीए एक रोजगारपरक कोर्स है और लगभग सभी संस्थान प्लेसमैंट उपलब्ध करवाते हैं। आईआईएम्स, ईएक्स एलआरआई, आईआईएफटी, एफएमएस, जेबीआईएमएस, एसपी जैन, आईआईटी (एमओएम) और एनआईटी (एसओएम) और एनआईटीआईई कुछ अच्छे संस्थानों में आते हैं जो अच्छी नौकरी दिलाते हैं। एमबीए के विद्यार्थी मार्केटिंग, वित्तीय, ह्यूमन रिसोर्स, सिस्टम और आप्रेशन में अपना भविष्य बना सकते हैं। एमबीए के लिए विशेषज्ञता क्षेत्र है मार्केटिंग जिसमें आते हैं सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन, प्राडक्ट/ब्रांड मैनेजमेंट, विज्ञापन, बाजार शोध इत्यादि।
सेल्स और उत्पाद प्रबंधन क्षेत्र बहुत व्यापक है। अधिकतर कंपनियां इस क्षेत्र के प्रशिक्षुओं को लेने में रुचि दिखलाती हैं। विज्ञापन और बाजार शोध की सेवा क्षेत्र में काफी आवश्यकता होती है।
वित्त : वित्तीय क्षेत्र में एमबीए धारी को सीए से काफी स्पर्धा करनी पड़ती है इसमें सात स्तर होते हैं जैसे उपभोक्ता बैंकिंग, विकसित बैंकिंग, निवेशित बैंकिंग, गैरबैंकिंग वित्तीय क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय वित्त।
उपभोक्ता बैंक, निवेशित बैंक व संस्थागत बैंक में कार्पोरेट क्लाइंट के साथ काम होता है।
विकसित बैंकिंग के क्षेत्र में कुछ विशेष संस्थाएं आती हैं जैसे आईसी आईसीआई, आईडीबीआई और आईएफसीआई। इनका कार्य क्षेत्र काफी चुनौतीपूर्ण होता है।
गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में दो तरह की कंपनी होती है एक तो निजी बैंक, खरीदना बेचना और दूसरे में कुछ विशेष निजी क्षेत्र के संस्थान जो जहाज रानी में हाउसिंग में पैसा लगाते आते हैं। मूल्य नियंत्रण के लिए, लेखांकन और वित्तीय योजना तैयार करने के लिए इनका अपना इन हाउस विभाग होगा है। अंतर्राष्ट्रीय वित्त शेयर बाजार में काम आता है जो आज की परिस्थिति में अर्थव्यवस्था के उतार-चढ़ाव में अह्म भूमिका निभाता है।
मानव संसाधन : यह क्षेत्र भारत में काफी उभर कर सामने आ गया है। इसके अंतर्गत तीन वृह्द अवसर हैं मानव संसाधन विभाग, पर्सनल मैनेजमेंट और औद्योगिक संबंध।
एक मानव संसाधन विभाग का व्यक्ति कंपनी के कर्मचारियों का आईना होता है। वही उनकी कौंसलिंग करता है उन्हें प्रशिक्षित व जागरूक करता है। उसकी गतिविधियां सीधे संगठन को प्रभावित करती हैं।

पर्सनल एक्जीक्यूटिव रोजमर्रा के गतिविधियों पर ध्यान देता है जैसे नियुक्ति, जॉब की परिभाषा, वेतन, कर्मचारी कल्याण से संबद्ध होता है।
औद्योगिक संबंध रखने वाला सीधे श्रमिक संबंध से जुड़ा होता है जो उनकी समस्याओं पर ध्यान देता है। इसमें कानून परिदृश्य वाले व्यक्ति को रखा जाता है।
सिस्टम प्रबंध : सिस्टम प्रबंध आजकल नौकरी बाजार में सबसे उच्च स्थान पर है। इसके जरिए सिस्टम कन्सलटेंसी व्यवसाय विकास/सेल्स और मार्केटिंग लेखा प्रबंध/प्रोजेक्ट प्रबंध सिस्टम डिपार्टमेंट आफ आर्गनाइजेशन में जाया जा सकता है।
आप्रेशन : इसके अंतर्गत उत्पाद आधारित व्यवसाय पर ध्यान दिया जाता है। कोर्स करने के समय काफी उत्पादों और आप्रेशनों में तकनीकों और सिद्धांतों का प्रयोग मैनेजमेंट स्कूलों में सिखाया जाता है। यह तकनीक इंजीनियर स्नातकों के लिए प्रभावी होती है। इसमें काफी अवसर मिलते हैं जैसे उत्पादकता में सुधार, क्वालिटी कंट्रोल, इन्वैंटरी कंट्रोल और उत्पाद की योजना। इसमें व्यावहारिक, तकनीकी और सांख्यिकी विशेषज्ञता को उभारा जाता है जो आगे चल कर विद्यार्थियों के काफी काम आती है।
नई आने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए उपलब्ध एमबीए विद्यार्थी काफी लाभदायक होते हैं क्योंकि इनमें पहले से ही वे सारी तकनीकें संस्थाओं द्वारा डाल दी जा चुकी होती हैं, जिसके लिए उन्हें ज्यादा मगजमारी नहीं करनी पड़ती है। विद्यार्थियों को भी शुरुआती दौर में अच्छा पैकेज मिलता है जो उनके आगे बढऩे के मार्ग को और भी फैला देता है(राहुल भारद्वाज,दैनिक ट्रिब्यून,3.8.11)।

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