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05 अगस्त 2011

आईआईटी कानपुर की सलाहः शुरू से न दें अभी लैपटॉप

आईआईटी के छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से बचाने के लिये संस्थान ने उन्हें देर रात तक इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करने और पहले वर्ष के छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को अपने बच्चों को शुरू से ही लैपटॉप न देने की सलाह दी है।
इसके अतिरिक्त छात्र छात्राओं की समय-समय पर काउंसलिंग करने की बात भी की जा रही है। पिछले सालों में आईआईटी कानपुर में कई विद्यार्थियों के आत्महत्या करने की घटनाओं को देखते हुए संस्थान के प्रशासन ने इस बार नया सत्र शुरू होते ही अत्यन्त सावधानी बरतनी शुरू कर दी है।
उनकी पहली प्राथमिकता है कि छात्र-छात्राओं को मानसिक तनाव से कैसे बचाया जाये। इसके लिये प्रशासन ने अनेक उपायों पर विचार करना शुरू कर दिया है, जिसमें से एक उपाय यह भी है कि छात्र छात्रायें देर रात तक इंटरनेट का इस्तेमाल न करें। इसके अतिरिक्त छात्र-छात्रायें पूरी नींद ले ताकि वह बिना किसी तनाव के सुबह कालेज जा सकें।
आईआईटी के रजिस्ट्रार संजीव कशालकर ने कहा कि चूंकि पूरा आईआईटी परिसर वाई फाई इंटरनेट सुविधा से लैस है, इसलिये अक्सर देखने में आया है कि हास्टलों में रात भर छात्र अपने अपने लैपटॉप से चिपके रहते है। सुबह जब वह क्लास में आते हैं या परीक्षा देने जाते हैं तो वह पूरी तरह तरोताजा नही होते हैं। जिससे उनका मन न तो पढ़ाई में लगता है और न ही परीक्षा में। इसके बाद वे धीरे-धीरे मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं।

रजिस्ट्रार ने कहा कि आईआईटी में चूंकि पांच हजार छात्र-छात्रायें पढ़ते हैं, इसलिये आईआईटी प्रशासन द्वारा यह तो किया नहीं जा सकता है कि वह रात बारह बजे के बाद एक एक छात्र के कमरे में जायें और इस बात की जांच करे कि कौन छात्र सोया है या नहीं। इसलिये आईआईटी प्रशासन ने छात्र-छात्राओं को यह निर्देश दिया है कि वह देर रात तक इंटरनेट का इस्तेमाल न करें और वे कम से कम छह घंटे रात को आराम करें। उसके बाद सुबह तरोताजा होकर कक्षाओं या परीक्षाओं में जायें।
में आते है तो वह अपने मां बाप से लैपटॉप खरीद कर देने को कहते है। इसलिये इस बार प्रशासन ने छात्र-छात्राओं के मां बाप को भी सलाह दी है कि वह प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को कम से कम अभी लैपटॉप खरीद कर न दें। क्योंकि अभी उन्हें लैपटॉप की कोई खास जरूरत नहीं है।
जहां तक इन्टरनेट पर काम करने का सवाल है तो संस्थान में कंप्यूटर सेंटर है जहां वे जाकर कंप्यूटर और इन्टरनेट पर काम कर सकते है। इसके अलावा लाइब्रेरी और सभी विभागों में भी इन्टरनेट और वाई फाई सिस्टम उपलब्ध है छात्र छात्रायें वहां जाकर काम कर सकते हैं। आईआईटी के सूत्र बताते है कि बहुत से छात्र सुबह चार बजे तक अपने लैपटाप पर इंटरनेट से चिपके रहते है और उसके बाद मात्र दो से तीन घंटे की नींद लेकर बिना कक्षाओं में या परीक्षा देने पहुंच जाते है।
रजिस्ट्रार कहते है कि छात्र-छात्राओं के लिये काउंसलिंग की व्यवस्था भी संस्थान में की गयी है ताकि अगर उन्हें कोई समस्या हो तो वह आकर उस बारे में बातचीत करें। उनके लिये योग केन्द्र, खेलकूद का मैदान और अन्य मंनोरजन के साधन भी हैं जहां जाकर वे अपना मन बहला सकते हैं और कमरे से निकलकर खेल कूद से दिलोदिमाग ताजा कर सकते हैं(लाईव हिंदुस्तान डॉटकॉम,5.8.11)।

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