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21 अगस्त 2011

बिहार में टीचर ट्रेनिंग कॉलेजों के लिए विशेष पहल

राज्य में टीचर ट्रेनिंग कालेजों की घनघोर किल्लत को दूर करने की दिशा में बिहार सरकार विशेष पहल करेगी। राज्य सरकार ने केन्द्र से एनसीटीई के टालू रवैये को लेकर सीधा हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। मानव संसाधन विकास विभाग की पहल पर राज्य के तीन दर्जन से अधिक अंगीभूत महाविद्यालय टीचर ट्रेनिंग कालेज खोलने को आगे आए हैं।

लेकिन नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन की बार-बार की आपत्तियों से यह मुहिम कुंद हो रही है। बिहार ने मांग की है कि एनसीटीई की टीम दो या तीन दिनों तक कैम्प करके बीएड कोर्स शुरू करने वाले संस्थानों का आवेदन लें। आपत्तियों का निराकरण करें। इस कैम्प में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास विभाग की टीम भी मौजूद रहे।

इसको लेकर मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने एमएचआरडी के सचिव अंशू वैश्य को एक पत्र लिखा है। पत्र में उनसे बातचीत का हवाला देते हुए सिंह ने कहा है कि एनसीटीई में नालंदा खुला विवि बिहार, स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग पटना, तथा राज्य के 26 कांस्टीच्यूएंट कालेजों की मान्यता लंबित है। आप जानते हैं कि बिहार में टीचर ट्रेनिंग क्षमता की बड़ी कमी है। हम इस क्षमता को शीघ्र बढ़ाना चाहते हैं।


एनसीटीई को जो आवेदन गए हैं वे विभिन्न स्टेज में हैं। हम चाहते हैं कि एनसीटीई की एक टीम और एमएचआरडी की एक टीम दो-तीन दिनों तक पटना में कैम्प करे, ताकि कोर्स की मान्यता का समाधान एनसीटीई द्वारा शीघ्र हो सके। सिंह ने इस मुद्दे पर अंशु वैश्य से व्यक्तिगत स्तर पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।

बिहार की मुश्किलें आरटीई लागू होने के बाद प्रारंभिक कक्षाओं में छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 करने की मुश्किल। इसके लिए चाहिए 3 लाख ट्रेंड टीचर। फिलहाल महज 5500 सालाना ट्रेंड टीचर तैयार करने की क्षमता। 2.25 लाख नियोजित शिक्षकों में करीब डेढ़ लाख को प्रशिक्षित करने का पहले से ही टास्क। टीईटी में अनट्रेंडो के शामिल करने के बाद पास होने वाले अनट्रेडों को भी बनाना होगा ट्रेंड। बिहार से ज्यादा झारखंड में ट्रेनिंग कालेज फिलहाल बिहार में एनसीटीई से मान्यता प्राप्त 37 इलिमेंट्री, 35 सेकेंड्री और तीन मास्टर ऑफ एजुकेशन कालेज हैं। उधर, बिहार से ही अलग हुए राज्य झारखंड में एलिमेंट्री के 24, सेकेंड्री के 55 और एमएड के 4 संस्थान एनसीटीई से मान्यता प्राप्त हैं(आशीष कुमार मिश्रा,हिंदु्स्तान,दिल्ली,21.8.11)।

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