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06 अगस्त 2011

ग्रेटर नोएडाःसभी सरकारी कॉलेजों में सीटें हुई फुल

स्टूडेंट्स की संख्या को देखते हुए सभी सरकारी कॉलेजों में सीटें कम पड़ रही है। इससे कई स्टूडेंट्स के सामने मोटी फीस देकर निजी कॉलेजों में एडमिशन लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। वहीं, सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर छात्र संघ ने आंदोलन करने के चेतावनी दी है। कॉलेजों के प्रिंसिपल भी सीसीएस यूनिवसिर्टी के वीसी से लगातार सीटें बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कॉलेज मैनेजमेंट और स्टूडेंट्स का मानना है कि अगर ईवनिंग क्लास शुरू कर दी जाएं तो दिक्कतें खत्म हो सकती हैं।

दादरी के मिहिर भोज पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. भरत सिंह यादव ने बताया कि हर साल स्टूडेंट्स सीटें बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन करते हैं। इससे सेशन लेट होता है। यूनिवर्सिटी को ऐसा विकल्प तैयार करना चाहिए, जिससे स्टूडेंट्स को एडमिशन में दिक्कत न हो। अगर सरकार ईवनिंग क्लासों को बहाल कर दे तो कोई दिक्कत नहीं होगी।


इस बार कट ऑफ लिस्ट में फर्स्ट डिविजन वाले स्टूडेंट्स को ही मौका मिला है। इस वजह से हजारों स्टूडेंट्स के सामने एडमिशन को लेकर दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। 2006 के बाद सरकार की तरफ से कोई फैकल्टी भी कॉलेजों को नही दी गई है, जिसके चलते अतिरिक्त सेक्शन भी नहीं लगाया जा सकता। अगर सरकार ईवनिंग क्लासों से रोक हटा देती है तो स्टूडेंट्स की परेशानी खत्म हो जाएगी और उन्हें आसानी से एडमिशन मिल जाएगा। 
छात्र संघ नेता सुमित बैसोया ने बताया कि पहली कटऑफ ने स्टूडेंट्स का मूड ऑफ कर दिया है। कॉलेज में सीटें बढ़वाने की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा। ईवनिंग क्लास को बहाल कराने की मांग भी की जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि निजी कॉलेजों को बढ़ावा देने के लिए ईवनिंग क्लासेज खत्म कर दी गई हैं। 

यह है मामला 

गौरतलब है कि यूपी में 1998 से ईवनिंग कलास को खत्म कर दिया गया है। इसकी जगह कॉलेजों में अतिरिक्त सेक्शन बढ़ाने की व्यवस्था की गई थी। एसपी सरकार के सत्ता में आने पर ईवनिंग क्लास को बहाल कर दिया गया था। इससे कम पसेर्टेंज वाले स्टूडेंट्स को राहत मिली, सभी को आसानी से एडमिशन मिल जाता था। 

फैकल्टी और सुविधाओं की कमी को देखते हुए 2006 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतिरिक्त सेक्शन बढ़ाने पर रोक लगा दी थी। उधर 2007 में बीएसपी की सरकार ने सत्ता में आते ही ईवनिंग क्लास पर रोक लगा दी। इससे दिक्कत खड़ी हो गई। इसके स्थान पर सरकार ने 25 पर्सेंट सीट बढ़ाने की व्यवस्था की थी(नवभारत टाइम्स,ग्रेटर नोएडा,5.8.11)।

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