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01 अगस्त 2011

छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय में नए सत्र का आगाज आज से

छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय में सोमवार से नए सत्र का आगाज होगा। एमबीबीएस के नवप्रवेशी छात्र-छात्राएं भी अपने-अपने हॉस्टलों में पहुंचना शुरू हो गए हैं। न्यू चक्रवर्ती और ओल्ड विजयलक्ष्मी छात्रावास में पहुंचे अधिकतर नवप्रवेशियों के साथ उनके माता-पिता भी हैं। इन छात्र-छात्राओं ने रविवार को अपने-अपने कमरों में पहुंचकर जरूरी सामान जुटाए। उधर, चिकित्सा अधीक्षक भी नए सत्र की शुरुआती तैयारियों का जायजा लेने विवि पहुंचे और व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।


चिविवि में सोमवार से नए सत्र की शुरुआत होगी। रविवार दोपहर से छात्र-छात्राएं एक-एक कर अपने-अपने हॉस्टल पहुंच रहे थे। एक नई जिंदगी शुरू करने जा रहे इन छात्र-छात्राओं के साथ उनके माता-पिता भी चिविवि परिसर आए थे। कुछ छात्रों के माता-पिता ने कमरों को देखकर नाराजगी जाहिर की। जौनपुर से बेटे के साथ आए एक अभिभावक ने कहा कि चिविवि की प्रतिष्ठा के अनुसार छात्रावासों में सुविधाएं नहीं है। कमरे भी पूरी तरह से तैयार नहीं है। हालांकि बच्चों की चिविवि से जुड़कर डॉक्टर बनने की ललक ने इन असुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया। वहीं, जौनपुर से शिवशंकर सिंह बेटी अंकिता को हॉस्टल छोड़ने आए थे। उन्होंने विजयलक्ष्मी छात्रावास की व्यवस्था की तारीफ की। उधर, दिल्ली और अलीगढ़ से आई दो छात्राओं ने सिर्फ इसलिए कमरा नहीं लिया क्योंकि उनकी एक सहेली रविवार को हॉस्टल नहीं पहुंची थी। दोनों छात्राएं अपने एक स्थानीय अभिभावक के घर चली गई थी। इससे पहले प्रॉक्टर प्रो. अब्बास मेहंदी ने छात्रावास पहुंच कर सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं को दिक्कत न हो इसलिए हॉस्टल आवंटन से संबंधित सभी कार्यालयों को रविवार को भी खोले गए थे। शाम तक 125 छात्रों और 50 छात्राओं ने अपने कमरों का कब्जा ले लिया था। शाम को चिकित्सा अधीक्षक प्रो. नरसिंह वर्मा ने भी चिविवि पहुंच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

नए सत्र की शुरुआत के पहले दिन नवप्रवेशियों का स्वागत कुलपति प्रो. डीके गुप्ता करेंगे। सुबह 11 बजे छात्र-छात्राएं ब्राउन हॉल में इकट्ठा होंगे। इसके बाद परंपरानुसार कुलपति स्वागत भाषण देंगे। इस मौके पर सभी विभागों के हेड उपस्थित रहेंगे और बारी-बारी से सभी नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं का परिचय कराया जाएगा। प्रो. अब्बास मेहंदी ने बताया कि चिविवि के इतिहास से रूबरू कराने के उद्देश्य से छात्र-छात्राओं को एक पुस्तिका भी दी जाएगी। इसके अलावा पिछली बार की तरह ही चरक शपथ दिलाई जाएगी। वर्ष 2011 में सौ साल के इतिहास में पहली बार चिविवि में हिंदी में शपथ ली गई। इससे पहले हिप्पोक्रेटिक ओथ लेने का प्रचलन था। उन्होंने बताया कि हिप्पोक्रेटिक ओथ 320 ईसा पूर्व की है। जबकि चरक शपथ 620 ईसा पूर्व की है(अमर उजाला,कानपुर,1.8.11)।

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