पंजाब यूनिवर्सिटी से संबद्ध प्राइवेट कालेजों के करीब 35 हजार छात्रों को मौजूदा सत्र में फीस बढ़ोतरी से राहत मिल गई है। रविवार को हुई सिंडीकेट की बैठक में यह बताया गया कि उच्चस्तरीय समिति ने प्राइवेट कालेजों में 10 फीसदी फीस बढ़ाने की सिफारिश को वापस ले लिया है।
पीयू की ओर से प्राइवेट कालेजों के फीस स्ट्रक्चर को लेकर गठित सीनेट सदस्य गोपाल कृष्ण चतरथ की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने सभी कोर्सों में 10 फीसदी फीस बढ़ाने की सिफारिश की थी। प्राइवेट कालेज प्रिंसिपलों ने कमेटी के सामने दस फीसदी फीस बढ़ाने की मांग रखी थी। उनका कहना था कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद कालेजों का खर्च बढ़ गया है, इसलिए फीस बढ़नी चाहिए। हालांकि बाद में कमेटी ने अपनी सिफारिश खुद वापस ले ली थी।
कमेटी की सिफारिश के बाद कुछ सीनेट सदस्यों ने कहा था कि पिछले साल ही प्राइवेट कालेजों में फीस बढ़ी थी। हर साल फीस बढ़ाना गलत है। इसके बाद सिंडीकेट ने भी कमेटी की सिफारिश को न मानते हुए प्राइवेट कालेजों में फीस बढ़ोतरी को मंजूरी नहीं दी।
चतरथ ने कहा कि प्राइवेट कालेजों में पिछले साल ही फीस बढ़ी थी, इसलिए इस साल फीस में बढ़ोतरी नहीं होगी(अमर उजाला,चंडीगढ़,1.8.11)।
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