मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

21 अगस्त 2011

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटलःछुट्टी मांगी तो गई नौकरी

कानून होने के बावजूद भारतीय माताओं का मातृत्व अवकाश के लिए संघर्ष जारी है। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की सीनियर रेजीडेंट सपना रमानी सरदाना को मातृत्व अवकाश नहीं मिला। जब उन्होंने इसे चुनौती दी तो नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा।

33 वर्षीय सपना कहती हैं, समाज मातृत्व का बखान करता है। मैंने जब नियोक्ता से मातृत्व अवकाश मांगा तो मेरा पद ही छिन गया। सरदाना ने टाटा मेमोरियल अस्पताल, परेल के प्रशासनिक विभाग में एक अगस्त 2009 को बतौर सीनियर रेजीडेंट ज्वाइन किया था।

यह तीन वर्षीय पद था, जिसे सालाना कार्य विस्तार दिया जाना था। इस दौरान मैं गर्भवती हुई। अप्रैल 2010 में डिलीवरी होनी थी। मार्च में मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन दिया। जिसे ठुकरा दिया गया। सपना कहती हैं, जब अन्य अस्पतालों में मेरे समान पद वालों को मातृत्व अवकाश मिलता है तो यहां क्यों नहीं।


एचआर विभाग, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और टाटा मेमोरियल अस्पताल के निदेशक ने नहीं सुनी। मुझे एक पत्र मिला। उसमें बताया गया कि मातृत्व अवकाश नहीं दिया जा सकता। लेकिन अवैतनिक अवकाश ले सकती हूं। सरदाना पांच महीने छुट्टी पर रहीं। अस्पताल में 31 जुलाई उनका अंतिम दिन था।
दिल्ली से सबक: 

इसी साल मई में एम्स के प्रबंधन ने रेसीडेंट डॉक्टरों को मातृत्व अवकाश देने से इनकार किया था। 42 डॉक्टरों ने एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिब्जोति करमाकर से संपर्क किया। फेसबुक पर भी लड़ाई चली। प्रशासन घुटनों के बल आया। सभी रेजीडेंट्स को मातृत्व अवकाश देने का फैसला किया।

क्या कहता है कानून

मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत गर्भवती महिला को डिलीवरी के एक हफ्ते पहले से अधिकतम छह महीने मातृत्व अवकाश का प्रावधान है(योगेश पवार,दैनिक भास्कर,मुंबई,21.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।