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21 सितंबर 2011

उत्तराखंडःपहली पोस्टिंग या प्रमोशन दुर्गम क्षेत्र में

पर्वतीय और दुर्गम इलाकों में खाली पड़े सरकारी दफ्तर, अस्पताल और स्कूल कर्मचारियों और शिक्षकों से गुलजार होंगे। कैबिनेट ने तबादलों की पारदर्शी व्यवस्था को अमलीजामा पहना दिया है। सूबे के 80 फीसदी पर्वतीय भू-भाग और दूरदराज इलाकों में तैनाती को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने ना-नुकुर की तो पदोन्नति और प्रोत्साहन भत्ता दोनों से हाथ धोने पड़ेंगे। पहली नियुक्ति और पदोन्नति पर दुर्गम में जाना होगा। दुर्गम में चार साल गुजारने पर सुगम में स्वत: तैनाती हो जाएगी। पारदर्शी प्रशासन की मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी की घोषणा का अक्स नई तबादला नीति के तौर पर सामने है। इसमें छोटे राज्य में उद्योग बन चुके तबादले और उसमें सरकारी मशीनरी के सहयोग से माननीयों और रसूखदारों के दबदबे का खात्मा किया गया है। कैबिनेट ने इस नीति के दायरे में विभाग विशेष को नहीं, बल्कि सभी सरकारी सेवकों को लिया है। तबादला को महज नीति तक सीमित रखने के बजाए उसे कानूनी जामा पहनाकर कैबिनेट ने जिस एक्ट के मसौदे पर मुहर लगाई है, उसके दूरगामी नतीजे निकलेंगे। तकरीबन दो लाख सरकारी सेवक इसके दायरे में आएंगे। प्रस्तावित एक्ट में हर साल तबादला नीति बनाने के झंझट से सरकार और महकमों को मुक्ति मिलेगी। वहीं जनता जनार्दन को दुर्गम और दूरदराज के सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और अस्पतालों में कर्मचारियों, गुरुजी और डाक्टरों-स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती को गुहार नहीं लगानी पड़ेगी। इस कानून की खास बात यह है कि दुर्गम क्षेत्र में एक बार तैनाती के बाद सुगम में आने के लिए एडि़यां चटकाने की नौबत नहीं आएगी। दुर्गम में तैनाती की तय अवधि पूरी होते ही सुगम क्षेत्र में खुद-ब-खुद तैनाती हो जाएगी। दुर्गम में तबादले अनिवार्य किए गए हैं। सुगम में पांच साल और पूरे सेवाकाल में 10 वर्ष से ज्यादा समय तक तैनात कर्मियों को दुर्गम में अनिवार्य भेजा जाएगा। दुर्गम में चार वर्ष से अधिक समय तक तैनात कार्मिकों का सुगम में स्वत: स्थानांतरण होगा। अनुरोध के आधार पर तबादलों पर सुगम से दुर्गम में जाने, पति और पत्‍‌नी के एक ही स्थान और दुर्गम में तैनाती के इच्छुक होने, गंभीर बीमारी और विकलांगता और रिटायरमेंट में दो साल या उससे कम अवधि शेष रहने की दशा में ही विचार किया जाएगा। 55 साल से अधिक उम्र के शिक्षकों को भी अनिवार्य तबादलों से छूट रहेगी(रविंद्र बड़थ्वाल,दैनिक जागरण,देहरादून,21.9.11)।

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