मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

21 सितंबर 2011

जम्मू के सैकड़ों स्कूलों में ताले लटकने की नौबत

शिक्षा विभाग की एकतरफा नीतियों के चलते संभाग के कई प्राइवेट मिडिल स्कूलों में ताला जड़ने की नौबत आ गई है। विभाग ने इन स्कूलों से नए मापदंडों के अनुसार ढांचागत सुविधाओं को अपग्रेड करने के आदेश दिए हैं लेकिन स्कूल वाले सुविधाएं अपग्रेड करने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में कई स्कूलों में मौजूदा सत्र खत्म होते ही ताले लगने की आशंका बढ़ गई है। इसका सीधा असर उन बच्चों पर पड़ेगा, जो इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं। उधर प्राइवेट स्कूल वालों का आरोप है कि विभाग सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को लेकर दोहरे मापदंड अपना रहा है।
फाइलें 3 साल से अटकी : जानकारी अनुसार निजी स्कूलों की मान्यता बढ़ाने से संबंधित 500 से अधिक फाइलें पिछले तीन सालों से धूल फांक रही हैं। इस दौरान कई निदेशक आए और चले गए परंतु किसी ने इनका निपटारा करने के प्रयास नहीं किए। विदित रहे कि विभाग द्वारा हर तीन साल बाद निजी स्कूलों का निरीक्षण कर उनकी मान्यता बढ़ाने का ऑर्डर दिया जाता है। इसके तहत कई स्कूलों का 2008-09 में एसआरओ 259 के अंतर्गत फाइलों का निपटारा नहीं किया गया।


एसआरओ की शर्ते पूरी कर पाना कठिन : एसआरओ 123 के तहत मिडिल स्कूलों के लिए 17 कमरे, 100 स्कवेयर मीटर प्रधानाचार्य कार्यालय, 100 स्कवेयर मीटर स्टाफ रूम, 150 स्कवेयर मीटर इंडोर गेम हाल, 150 स्कवेयर मीटर लेबोरेट्री तथा बड़ा परीक्षा हॉल होना अनिवार्य है। इन शर्तो को पूरा करना निजी स्कूल प्रबंधकों के असंभव हो गया है। निवर्तमान निर्देशक ने विभागीय अधिकारियों से बैठक कर एसआरओ 259 के तहत निरीक्षण किए गए स्कूलों से एफिडेविट लेकर अगली बार एसआरओ 123 लागू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन स्कूल धारकों द्वारा एफिडेविट देने पर भी फाइलों का निपटारा नहीं किया गया है। 

दोहरे मापदंड अपना रहा विभाग : जम्मू प्राइवेट स्कूल एंड ईटीटी इंस्टीच्युट एसोसिएशन (प्रोग्रेसिव) के प्रधान दीप सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग दोहरे मापदंड अपना रहा है। प्राइवेट स्कूलों पर एसआरओ 123 लागू करने की बजाय इसकी शुरूआत सरकारी स्कूलों से होनी चाहिए। सरकारी स्कूलों की खस्ताहाल पर पर्दा डालने के लिए निजी स्कूलों पर मनमानी थोपी जा रही है। 

स्कूल वालों के पास एक साल का समय : शिक्षा निदेशक जीए कुरैशी ने कहा कि स्कूल वालों को ढांचागत सुविधाएं बढ़ाने के लिए एक वर्ष का समय दिया गया है। यदि अगला सत्र शुरू होने से पहले वे एसआरओ की शर्तें पूरी कर लेते हैं तो उनकी मान्यता अगले ३ साल के लिए बढ़ा दी जाएगी लेकिन अगर ऐसा नहीं कर पाते तो उस पर भी गौर किया जा सकता है। सरकारी स्कूलों में ढांचागत सुविधाओं को लेकर उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में सुविधाएं बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं(देवेन्द्र पाधा,दैनिक भास्कर,जम्मू,21.9.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।