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09 अक्तूबर 2011

खेती पर शुरू होगा व्यावसायिक पाठ्यक्रम

बीते दो साल से स्कूलों से विश्वविद्यालयों तक व्यावसायिक शिक्षा का अलग ढांचा खड़ा करने में जुटी सरकार अब इसे अगले शैक्षणिक सत्र 2012 से शुरू कर पाएगी। वजह यह है कि पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेजों में इसकी पढ़ाई के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम तो तैयार हो गए हैं, लेकिन शैक्षिक पाठ्यक्रमों का मामला अब भी लटका है। इस बीच सरकार ने अगले दो वर्षो में खेती के लिए भी अलग से व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने की बात कही है।
पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम की तैयारी पूरी होने के साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने शनिवार को यहां राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा पात्रता ढांचा [एनवीईक्यूएफ] को लांच भी कर दिया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तहत नौंवीं कक्षा से विश्वविद्यालय स्तर तक सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री दिया जाना है। लेकिन अभी तक सिर्फ पॉलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाने के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम ही तैयार हो पाए हैं। उन्होंने माना कि इन दोनों स्तरों के लिए अभी भी शैक्षिक [अकादमिक] पाठ्यक्रम तैयार नहीं हो सकें हैं। लेकिन अगले शैक्षिक सत्र 2012 तक यह तैयार हो जाएगा।

सिब्बल ने फिर दोहराया कि इस ढांचे को खड़ा करने का एक बड़ा मकसद यह भी है कि 12वीं तक की व्यवसायपरक शिक्षा हासिल करने के बाद ही छात्रों को आसानी से रोजगार मिल सके। इस मौके पर उन्होंने खेती के लिए व्यावसायिक पढ़ाई को राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा पात्रता ढांचे के दायरे में लाए जाने की पैरवी की। उन्होंने खेती के लिए व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम को 2013 तक शुरू करने की भी बात कही है। जहां तक स्कूलों में नौंवी कक्षा से व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने का सवाल है, तो यह अभी हरियाणा व पश्चिम बंगाल में चल रहे पायलट प्रोजेक्ट तक ही सीमित है। बताते हैं कि पायलट प्रोजेक्ट के तजुर्बो से सीखने के साथ ही इसे भी 2012 से शुरू कर दिया जाएगा ।
इस मौके पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद [एआइसीटीई] के चेयरमैन प्रो एसएस मंथा ने भरोसा दिया कि एनवीईक्यूएफ के तहत शिक्षा देने वाले सभी संस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त होंगे। लिहाजा उनके डिप्लोमा व डिग्री पर सवाल नहीं उठाए जा सकेंगे(जागरण,दिल्ली,9.10.11)।

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