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09 अक्तूबर 2011

एएमयू कैंपस मामले को दिल्ली ले जाएगा बिहार

बिहार के किशनगंज क्षेत्र में एएमयू (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) के आफ कैंपस सेंटर के लिए जमीन के मामले में राज्य सरकार ने आक्रामक मुद्रा अख्तियार कर ली है। बिहार के मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही ने एएमयू कुलपति प्रो.पीके अब्दुल अजीज पर धोखाधड़ी और राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उनकी भूमिका की सीबीआइ जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, इस संदर्भ में वे जल्द ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से भी मिलने वाले हैं। शाही ने यहां कहा,कुलपति ने भारत सरकार की स्वीकृति प्राप्त किये बिना एएमयू सेंटर के लिए जमीन वास्ते सरकार को प्रस्ताव दिया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रस्ताव को 13 दिनों के अंदर कैबिनेट ने स्वीकृति दी। उसके बाद सरकार ने कोचाधामन में 243 एकड़ जमीन भी चिह्नित की जिस पर कुलपति ने रजामंदी भी दे दी। एकरारनामे के वक्त वे दूसरी जमीन देने की मांग करने लगे। वह उस जमीन की मांग कर रहे हैं जो भूदान में दी हुई है, जिसके 70 फीसदी हिस्से पर अफजल हुसैन का अवैध कब्जा है। अफजल उक्त जमीन को दान नहीं कर रहे, उसका मुआवजा चाहते हैं। सरकार ने 30 सितंबर 2011 को कुलपति को एक पत्र लिखकर सारा विवरण दिया है मगर उसका कुलपति ने अब तक जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा,एएमयू कुलपति प्रो. अजीज का कार्यकाल जनवरी 2012 में समाप्त हो रहा है। उनके खिलाफ कई आरोपों की सीबीआइ जांच हो रही है। एएमयू के विजिटर (राष्ट्रपति) ने कुलपति के स्तर से नियुक्ति के अधिकार पर रोक लगा रखी है। लिहाजा किशनगंज जमीन मामले में कुलपति की संदेहास्पद भूमिका भी सीबीआइ जांच का बिन्दु होना चाहिए। इसी मकसद से वे केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री से मिलना चाहते हैं। यह भी जानने की कोशिश की जायेगी कि बिहार में एएमयू सेंटर के लिए कुलपति ने विजिटर से स्वीकृति ले रखी है अथवा नहीं?(दैनिक जागरण,पटना,9.10.11)

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