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19 अक्तूबर 2011

लाइब्रेरी जाने की आदत डालें

लगभग सभी स्कूल व कालेजों में पुस्तकालय की सुविधा होती है और सभी विद्यार्थियों को लाइब्रेरी कार्ड भी इश्यू होते हैं लेकिन प्राय: देखा गया है कि अनेक विद्यार्थी कभी पुस्तकालय जाते ही नहीं और न ही वे वहां से किताबें इश्यू कराते हैं। बस लाइब्रेरी कार्ड घर पर रखे रखते हैं। उन्हें घर पर रखी किताबें पढऩे की फुरसत नहीं होती, वे लाइब्रेरी की किताबें कब पढ़ेंगे? और ऐसे विद्यार्थी परीक्षा में पिछड़ जाते हैं वे ज्यादा अच्छे अंक नहीं ला पाते।
अकसर ऐसा भी देखा गया है कि कुछ विद्यार्थी कोर्स की या सिलेबस की पुस्तकें तो लाइब्रेरी जाकर पढ़ लेते हैं लेकिन अखबार पढऩा वे समय की बरबादी मानते हैं जबकि सच तो यह है कि समाचार-पत्र सामाजिक ज्ञान का असीम भंडार होते हैं। आपके शहर, राज्य व देश-विदेश में घटित घटनाओं की जानकारियों के अलावा और भी बहुत-सी नयी-नयी बातें समाचार-पत्रों के माध्यम से सीखने को मिलती हैं। समाचार-पत्रों के संपादकीय पढ़कर हमारे ज्ञान के साथ शब्द भंडार में भी वृद्धि होती है। हमें अपना भाषा-ज्ञान सुधारने में मदद मिलती है। अत: पुस्तकालय जाकर नियमित तौर पर अखबार पढऩा चाहिए।
जो विद्यार्थी अपनी पढ़ाई और करिअर के प्रति गंभीर होते हैं वे पुस्तकालय का लाभ जरूर उठाते हैं। वहां आपको एक ही विषय पर विभिन्न लेखकों की पुस्तकें उपलब्ध होती हैं जिन्हें पढ़कर आप अपने नोट्स तैयार कर सकते हैं। एक ही विषय पर विभिन्न लेखकों की पुस्तकें पढऩे से जहां विषय की अवधारणा आपके मन में स्पष्ट होती है वहीं लिखने की अलग-अलग शैलियों से भी आप परिचित होते हैं जिससे आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं और जिन्दगी में मनचाहा मुकाम हासिल कर सकते हैं।
अगर आप भी उन विद्यार्थियों में से हैं जो पुस्तकालय नहीं जाते तो आज ही अपनी आदत बदल डालिए और संकल्प लें कि आप अपने स्कूल-कालेज की लाइब्रेरी में नियमित रूप से जाएंगे और वहां उपलब्ध पुस्तकों, पत्रिकाओं और समाचार-पत्रों से लाभ उठाएंगे(सुरेन्द्र राणा,दैनिक ट्रिब्यून,19.10.11)।

1 टिप्पणी:

  1. किस राज्य की खबर है कि लगभग सभी जगह पुस्तकालय हैं…भरोसा नहीं कर सकते…

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