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03 अक्तूबर 2011

अधर में लटका वर्चुअल विवि

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वर्चुअल विविद्यालय स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना नियामक ढांचागत बाध्यताओं के कारण अधर में है, क्योंकि डिग्री प्रदान करने के लिए विधायी प्रक्रि या से गुजरने की जरूरत होगी। वर्चुअल वि.वि. मानव संसाधन विकास मंत्रालय की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसे सूचना संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के तहत मंजूर किया गया था। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि  वर्चुअल वि.वि. स्थापित करने की प्रक्रि या में रुकावट आ गई है।  वर्चुअल वि.वि. स्थापित करने की स्थिति में यह दूरस्थ शिक्षा परिषद के तहत आयेगा और इस संबंध में मंजूरी लेने के लिए नियामक प्रक्रि या का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि इस विषय में विधायी ढांचे तैयार करने की जरूरत होगी, तभी इसके माध्यम से डिग्री प्रदान की जा सकेगी। यही इसके मार्ग में रुकावट है, लेकिन हमें उम्मीद है कि इन बाधाओं को पार करते हुए  वर्चुअल वि.वि. की योजना जल्द साकार होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) एक ऐसे आभासी संसार का सृजन कर रहे है, जिसमें इंटरनेट के माध्यम से छात्र, प्रोफेसर एवं अन्य लोग एक दूसरे के आमने सामने बैठे बिना पठन-पाठन का काम कर सकते हैं। इसका स्वरूप ऐसे ही होगा जैसे मोबाइल पर दोस्तों से बात करते, फेसबुक, ट्विटर पर चैटिंग करते लोग अक्सर ऐसी दुनिया में चले जाते हैं, जहां दूर रहते हुए एक दूसरे का हालचाल जान सकें।  वर्चुअल वि.वि. स्थापित करने से जुड़े विभिन्न आयामों की रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर के निदेशक एसजी धांडे को सौंपी गई है। समिति अगले महीने मानव संसाधन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस परियोजना को 2013 तक अमलीजामा पहनाने का लक्ष्य है।  वर्चुअल वि.वि. शिक्षा के प्रसार की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इससे समय और खर्च बचाया जा सकता है। केवल उपकरणों आदि के स्पर्श का अनुभव लेने के लिए छात्रों को भौतिक प्रयोगशाला में जाने की जरूरत होगी। इस परियोजना को 2013 तक अमलीजामा पहनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस पर 4,600 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। परियोजना से जुड़े संयोजक ऐसी संभावना भी तलाश रहे हैं, ताकि  वर्चुअल वि.वि. के माध्यम से डिग्री या डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किए जा सकें। इस वि.वि. के माध्यम से 1,000 पाठ्यक्रम पेश किए जाने की योजना है। इस संबंध में 260 कोर्स तैयार किए गए हैं। इसमें  वर्चुअल लैब का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इस प्रयोगशाला में छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए प्राध्यापक उपलब्ध रहेंगे। गौरतलब है कि  वर्चुअल वि.वि. की अवधारणा सबसे पहले प्रो. पी रामा राव ने तैयार की थी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,3.10.11)।

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