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10 अक्तूबर 2011

डीयू में फिर एडमिशन की उम्मीदें!

दिल्ली यूनिवर्सिटी में जहां एक ओर फर्स्ट सेमेस्टर एग्जाम की तैयारियां शुरू हो गई हैं, वहीं दूसरी ओर एडमिशन का मामला फिर से गरमा गया है। हाल ही में हाई कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को आदेश दिया था कि लॉ फैकल्टी में ओबीसी की बची हुई 50 सीटों को जनरल कैटिगरी में बदल दिया जाए, इस आदेश का पालन करते हुए फैकल्टी ने 18 अक्टूबर से एलएलबी की स्पेशल काउंसलिंग करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद उन स्टूडेंट्स में भी उम्मीद जाग गई है, जो कॉलेजों में एडमिशन नहीं ले पाए हैं। स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी जाकर एडमिशन के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। कुछ स्टूडेंट्स का कहना है कि वे भी कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। इन स्टूडेंट्स को उम्मीद है कि जब लॉ फैकल्टी में एडमिशन प्रोसेस दोबारा शुरू हो सकता है तो कॉलेजों में भी एडमिशन रीओपन हो सकते हैं।

यूनिवर्सिटी सूत्रों का कहना है कि एडमिशन को लेकर स्टूडेंट्स की पूछताछ एक बार फिर से शुरू हो गई है। ये स्टूडेंट्स जानना चाहते हैं कि क्या यूनिवर्सिटी कॉलेजों में एडमिशन को लेकर कोई नोटिफिकेशन जारी कर रही है? हालांकि यूनिवर्सिटी की ओर से स्टूडेंट्स को यही बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट ने लॉ फैकल्टी के मामले में आदेश दिया था और उस आदेश के मुताबिक ही एलएलबी की स्पेशल काउंसलिंग की जा रही है। दरअसल हर साल ओबीसी की काफी सीटें जनरल कैटिगरी में कन्वर्ट हो जाती थी लेकिन इस बार कॉलेजों में ऐसा नहीं हो पाया और इससे पैरंट्स व स्टूडेंट्स खासे निराश हैं। ऐसे ही एक पैरंट अशोक कुमार का कहना है कि उनके बच्चे के 81 पर्सेंट मार्क्स हैं लेकिन किसी कॉलेज में एडमिशन नहीं हो पाया। अगर ओबीसी की सीटें कन्वर्ट हो जाती तो उनके बच्चे को एडमिशन मिल सकता है। उनका कहना है कि वह भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे और हो सकता है कि लॉ फैकल्टी की तरह कॉलेजों में भी एडमिशन फिर से ओपन हो जाएं। गौरतलब है कि डीयू में नया सेशन 21 जुलाई से शुरू हो चुका है और 19 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच फर्स्ट सेमेस्टर एग्जाम होने हैं। यूनिवर्सिटी सूत्रों का कहना है कि इस समय कॉलेजों में एडमिशन शुरू करने से काफी मुश्किलें पैदा होंगी। फर्स्ट सेमेस्टर एग्जाम के अगले महीने होने हैं और ऐसे में स्टूडेंट्स के सिलेबस को पूरा करवाना आसान नहीं होगा(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,10.10.11)।

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