किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के आफ कैंपस के लिए राज्य सरकार द्वारा 243 एकड़ जमीन दिये जाने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रबंधन की रजामंदी नहीं मिली है। कुलपति ने इस जमीन को देखकर पसंद किया था, जल्द आवंटन का आग्रह किया था। लेकिन फिर वे अपनी बात से पलट गये। इन सब बातों का जिक्र मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह के पत्र में है, जो उन्होंने कुलपति को भेजा है। प्रधान सचिव ने कुलपति से आग्रह किया है कि वे आवंटित भूमि पर विश्वविद्यालय के भवन का निर्माण शुरू कर दें। उन्होंने कुलपति से जानना चाहा है कि इस केन्द्र की स्थापना के लिए विजिटर अर्थात राष्ट्रपति से अनुमति ली गयी है या नहीं? पत्र में कुलपति को स्मरण दिलाया गया है कि सेंटर के मुतल्लिक उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष 4 फरवरी 2010 को प्रजेंटेशन दिया था और साइट देख कर प्रसन्नता जाहिर करते हुए जमीन जल्द आवंटित करने का आग्रह किया था। इसे उच्च प्राथमिकता देते हुए राजस्व व भूमि सुधार विभाग ने 243.76 एकड़ जमीन 10 रुपये की टोकन सलामी और 1 रुपया वार्षिक लगान पर लीज पर हस्तांतरणका निर्णय किया। उन्हें 27 मार्च 2010 को पत्र भेजकर विभाग ने जमीन के लिए शीघ्र एकरारनामा करने का अनुरोध किया। कुलपति ने 4 अप्रैल 2010 को पत्र के जरिये आभार व्यक्त करते हुए स्थल भ्रमण कर जमीन कब्जे में लेने की बात कही। पत्र के अनुसार मगर कुलपति ने अपने पूर्व मत को बदलते हुए 25 अप्रैल 2010 के पत्र के जरिये सूचित किया कि उन्हें तीन टुकड़ों में उपलब्ध जमीन स्वीकार्य नहीं है(दैनिक जागरण,पटना,3.10.11)।
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