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03 अक्तूबर 2011

इलाहाबादःआंगनबाड़ी में फर्जी प्रमाणपत्र मामले की जांच का आदेश

ब्लाक विकास परियोजना में फर्जी अंकपत्र और प्रमाणपत्र लगाकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री की नौकरी करने वाली महिलाओं की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। एक प्रकरण में सीडीओ ने जांच कराने का आदेश दिया है। सूत्रों की मानें तो माण्डा ब्लाक विकास परियोजना में लगभग एक दर्जन की संख्या में महिलाएं फर्जी अंकपत्र और प्रमाणपत्र लगाकर आंगनबाड़ी का पद हासिल कर नौकरी कर रही हैं। विभागीय अधिकारियों की भी इसमें मिलीभगत बताई जाती है। सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले धरांवनारा गांव में आंगनबाड़ी की नियुक्ति को लेकर सीडीपीओ ने एक ऐसी उम्मीदवार की नियुक्ति कर लिया जिसकी हाईस्कूल और इण्टर की अंकतालिका और प्रमाणपत्र दोनों फर्जी है। लोगों को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने पूरे दस्तावेज के साथ सीडीओ चन्द्रकला से मुलाकात कर शिकायत की। सीडीओ ने खण्ड विकास अधिकारी मांडा को पूरे प्रकरण की जांच करने का निर्देश दिया है। इससे हड़कंप मचा हुआ है। परियोजना के अधिकारी किसी तरह मामले का पटाक्षेप करने में जुटे हुए हैं क्योंकि अगर मामला फर्जी पाया गया तो कई की गर्दन फंस सकती है।इस संबंध में सीडीपीओ मांडा ने बताया कि धरांवनारा की नियुक्ति के मामले में जांच चल रही है। चूंकि उक्त पद पर उनकी नई नियुक्ति है इसलिए वे बहुत कुछ कह सकने की स्थिति में नहीं है। शिक्षा से वंचित हो रहे बच्चे लेडि़यारी, इलाहाबाद : विकास खंड कोरांव के लेडि़यारी स्थित कदौली मजरे के बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। इसका कारण यहां विद्यालय न होना बताया जाता है।स्थानीय लोगों का कहना है कि कदौली में प्राथमिक विद्यालय नहीं बना। यहां से लेडि़यारी की दूरी तीन किमी होने से गरीबों के बच्चे इतनी दूर बच्चे नहीं जा पाते। जो समर्थ हैं अपने बच्चों को लेडि़यारी भेजते हैं लेकिन बारिश के दिनों में उनका भी जाना संभव नहीं हो पाता। इस ओर संबंधित विभाग और शासन का ध्यान नहीं जाने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है(दैनिक जागरण,मांडा,3.10.11)।

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