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01 नवंबर 2011

पदोन्नति में आरक्षण स्वीकार करे सामान्य वर्ग,सड़कों पर उतरे तो खैर नहीं- गहलोत

पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सोमवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जमकर बरसे। उन्होंने सामान्य वर्ग को आरक्षण की सच्चाई स्वीकार करने की नसीहत दी और आंदोलन करने वाले संगठनों को सड़कों पर उतरने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।

गहलोत ने कहा कि आप सड़कों पर उतरकर वर्ग संघर्ष करना चाहो, तो यह अच्छी परंपरा नहीं है। ऐसा करने वालों के खिलाफ सरकार कड़े कदम उठा सकती है। कुछ तत्व जो यह काम कर रहे हैं, उनको सलाह है कि वे इस प्रकार की हरकतें नहीं करें।

गहलोत सोमवार को पीसीसी में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। मैंने पहले भी कहा है कि मेरा मिशन 72 या मिशन 28 नहीं है मेरा मिशन 100 है। कोई फैसला शत प्रतिशत लोगों को पसंद नहीं होता। कुछ को तकलीफ होती है।

उसके लिए मिलजुलकर रास्ता ढूंढ़े तो यह समझ में आता है लेकिन आप कानून, कोर्ट और संविधान की बात नहीं मानकर सड़कों पर उतर जाएं, यह ठीक नहीं है। आम लोगों में, कर्मचारियों में अधिकांश को मालूम ही नहीं है कि वास्तव में सच्चाई क्या है? अब अगर आप निहित स्वार्थ की बात करेंगे तो हर आदमी शामिल हो जाएगा।


दो मोटरसाइकिल भिड़ने पर ही मामला हिंदू मुस्लिम का बन जाता है और दंगे भड़क जाते हैं। यह परंपरा और फितरत अब कर्मचारियों में भी आने लग गई। एससी एसटी के लोग आपसे अलग हैं क्या? वह भी तो हमारे भाई हैं। 


ये भी बोले गहलोत
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रविंद्रन ने कहा था- शिक्षण संस्थानों में अगर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को कम नंबर आने पर प्रवेश मिलता है तो सामान्य वर्ग के लोगों के दिलों में आग लग जाती है। गहलोत ने कहा कि सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण की सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए। 

संघर्ष के बजाय बातचीत करें गुर्जर नेता 

गुर्जर नेताओं की मांगों पर गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करने का सबको अधिकार है, लेकिन उनकी जो मांगें हैं वह तो हाईकोर्ट का मामला है। विशेष पिछड़ा वर्ग की सभी जातियां खुश हैं। इसके बावजूद मांगें बचती हैं तो संघर्ष करने की बजाय बातचीत जारी रखनी चाहिए। 

संघर्ष के नतीजे भाजपा राज में भी अच्छे नहीं रहे थे, कितनी बार संघर्ष हुए, फायरिंग हुई और हमें इस बात की खुशी है कि हमारे वक्त में हमने बातचीत जारी रखी। 

आरक्षण एससी-एसटी का संवैधानिक हक : चंद्रभान

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण एससी-एसटी का संवैधानिक अधिकार है। राज्य में एससी एसटी 31 प्रतिशत हैं और इनको 28 प्रतिशत आरक्षण मिला है। हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ठीक से अध्ययन करना चाहिए। कोर्ट ने यह नहीं कहा है कि पदोन्नति में एससी-एसटी का आरक्षण खत्म कर देना चाहिए। 

सामान्य वर्ग के पैरामीटर पूरा करने के लिए भटनागर समिति बनाई गई है। जो पदोन्नति में आरक्षण का विरोध कर रहे हैं वे भटनागर समिति के पास क्यों नहीं गए?ये लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर दुष्प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की राय है कि पदोन्नति में आरक्षण मिलना चाहिए और यह आरक्षण जारी रहना चाहिए(दैनिक भास्कर,जयपुर,1.11.11)।

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