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19 नवंबर 2011

आईआईएम में पढ़ाया जाएगा ऐग्रिकल्चर मैनेजमेंट

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) से पढ़ाई करने वाले छात्रों की सेवाएं अब तक कॉर्पोरेट सेक्टर में ही ली जाती थी लेकिन, अब ऐग्रिकल्चर, एजुकेशन, हेल्थ और पॉवर जैसे बुनियादी सेक्टर में भी इनकी सेवाएं ली जाएगी। इसके मद्देनजर आईआईएम काउंसिल ने केंद्रीय मानव संसाधन विभाग के साथ मिलकर यह फैसला किया कि सर्विस देने वाले सेक्टरों की गुणवत्ता में सुधार होना चाहिए। इसके अलावा आईआईएम इंस्टिट्यूट में ऐडमिशन लेने की प्रॉसेस को और अधिक आसान बनाया जाए। ऐडमिशन होने के बाद जब सीट भर जाती है, तो उसे सार्वजनिक किया जाए और सभी आईआईएम इंस्टिट्यूट का ऑडिट भी किया जाना चाहिए। इससे मैनेजमेंट की पढ़ाई करवाने वाले नए पुराने आईआईएम संस्थानों के साथ-साथ प्राइवेट इंस्टिट्यूट को भी फायदा होगा।

हर तीन साल में होगा ऑडिट


आईआईएम इंस्टिट्यूट को और अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए हर तीन साल में एक बार ऑडिट किया जाएगा। इस ऑडिट में आईआईएम के मैनेजमेंट से ुजुड़े लोग शामिल नहीं होंगे। ऑडिट संस्थान से बाहर से कराई जाएगी और इसकी समीक्षा भी की जाएगी। इससे न सिर्फ कई विषयों की मूलभूत कमियों का पता लगाकर उसमें सुधार की जाएगी बल्कि, यहां पढ़ाई को उच्च स्तर तक पहुंचाने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा सभी आईआईएम संस्थानों
की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने, विश्वस्तरीय बनाने और विश्वस्तरीय फैकल्टी तथा छात्रों को जोड़ने के लिए संस्थान पूरे विश्व में प्रचारित करेगी। इससे दुनिया को पता चलेगा कि भारतीय संस्थानों के पास भी टैलंट हैं और हम भी दुनिया को कुछ दे सकते हैं। 

95 करोड़ की केंद्र ने दी मंजूरी 

ऐग्रिकल्चर, एजुकेशन, हेल्थ और इलेक्ट्रिक सेक्टर में मैनेजमेंट की पढ़ाई उपलब्ध करवाने के लिए आईआईएम के सभी इंस्टिट्यूट की वर्तमान इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी केंद्र ने मांगी है। इसके तहत विदेशी छात्र और शिक्षक इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) की ओर आकर्षित हो सके, इसके लिए 95 करोड़ की धनराशि को मंजूरी दी है। इससे शोध कर रहे छात्रों और पीएचडी स्टूडेंट्स के अलावा आईआईएम की मूलभूत सुविधाओं को और अधिक मजबूत बनाया जाएगा। बता दें कि इस समय देश में 13 आईआईएम और 120 से अधिक बिजनेस स्कूल हैं। 

आईआईएम की ओर सरकार द्वारा ध्यान देने से मैन्यूफैक्चरिंग , गरीबी उन्मूलन , एजुकेशन , हेल्थ और पॉवर क्षेत्र डिवेलप होगा और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी क्योंकि , इनसे सीधे तौर पर आम जनता जुड़ी है। 

डॉ . उदय सालुंखे , ग्रुप डाइरेक्टर , वेलिंकर इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट(नवभारत टाइम्स,मुंबई,19.11.11) 

5 टिप्‍पणियां:

  1. यह ज़रूरी है क्योंकि देश में कृषी क्षेत्र के 60-70 % लोग सकल घरेलू उत्पाद में केवल 20-25% योगदान दे पाते हैं. जबकि विकसित देशों में इसका उल्टा है. इससे किसानों व देश दोनों को लाभ होगा.

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  2. मतलब अब देश के महत्वपूर्ण क्षेत्र में भी ये नौटंकीबाज एमबीए घुसेंगे और बरबादी और बढ़ेगी…

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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