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09 दिसंबर 2011

रांचीःराजकीय पॉलिटेक्निक, बहू बाजार में खुलेआम नकल

बंद कमरे में परीक्षा। बेखौफ किताबें खोलकर नकल। नकल का यह बाजार सजा था राजकीय पॉलिटेक्निक, बहू बाजार के एक परीक्षा कक्ष में। कक्ष में परीक्षार्थी किताबें रखकर प्रश्नों के उत्तर हल कर रहे थे। वो भी पॉलिटेक्निक के कर्मचारियों के सहयोग से। यहां गुरुवार को इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियर्स के एसोसिएट कोर्स की परीक्षा चल रही थी। परीक्षा में रांची के दो और चाईबासा के एक इंस्टीट्यूट के करीब 200 परीक्षार्थी शामिल हुए। गुरुवार को परीक्षा का अंतिम दिन था। नकल के इस खेल की सूचना मिलने पर दैनिक भास्कर के संवाददाता राजीव गोस्वामी और फोटो जर्नलिस्ट सैयद रमीज ने स्टिंग ऑपरेशन कर पूरे मामले का भंडाफोड़ किया। सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराने व कार्रवाई की बात कही है।

ऐसे हो रही थी नकल
- दूसरे तल्ले पर चल रही थी परीक्षा, वहां जाने के सभी रास्ते थे बंद
-अजनबियों को नहीं थी घुसने की इजाजत
- कर्मियों की मदद से किताबों से नकल


सरकार को रखा अंधेरे में 
- प्राचार्य ने विभाग की जानकारी के बिना अपने यहां बनाया एग्जाम सेंटर
-सेंटर की फीस को डकार गया प्रबंधन
-नकल के लिए प्रति विषय वसूले 600 रु.

ऐसे किया पर्दाफाश
मैं (राजीव) और रमीज दोपहर दो बजे पॉलिटेक्निक पहुंचे। गेट पर बैठे कर्मचारी से संस्थान के गुप्ताजी से मिलने की बात कही। उसने कहा परीक्षा चल रही है। आप नहीं मिल सकते। मैंने कहा, बहुत जरूरी काम है। कर्मचारी गुप्ताजी को गेट पर बुलाने को राजी हो गया। उसे फिर समझाया। इसके बाद वह हमें ऊपरी तल्ले पर ले जाने को राजी हो गया। ग्रिल में ताला बंद कर वह गुप्ता जी को बुला लाया। हमने गुप्ताजी से हमारे एक कैंडीडेट को परीक्षा में मदद करने का आग्रह किया। इस पर वे भड़क गए और हमें वहां से जाने को कहा। हम धीरे-धीरे वापस जाने लगे। जैसे ही गुप्ताजी अपने कमरे में गए, हम वापस लौटे और परीक्षा कक्ष में घुसकर नकल कर रहे परीक्षार्थियों की तस्वीरें उतार लीं। परीक्षा कक्ष में हंगामा मच गया। परीक्षार्थी चिल्लाने लगे। मीडिया वाले आ गए, मीडिया वाले आ गए। परीक्षा कक्ष में जो कर्मचारी नकल करवा रहा था, वह कैमरे का फ्लैश चमकते ही भाग खड़ा हुआ।

मिल-बैठकर हल निकाल लेते हैं
शाम सात बजे जब रिपोर्टर ने प्रभारी प्राचार्य को फोन कर जानना चाहा कि किन-किन संस्थानों की परीक्षा इस केंद्र पर ली जा रही थी, तो उन्होंने चुप्पी साध ली। फिर कहा, काहें अइसा करते हैं। कल 11 बजे आइए न, आब्जर्वर के साथ आपकी सेटिंग करा देंगे। जो आपका बनता है, वो मिल जाएगा। (इस बातचीत की रिकार्डिग भास्कर के पास है)

पलट गए प्राचार्य
हमसे परीक्षा के आयोजन के लिए सिर्फ हॉल लिया गया है। परीक्षा आयोजित करने की जिम्मेवारी संबंधित संस्थानों की है। नकल उन्हीं संस्थानों के लोग करा रहे थे। हमारा कोई लेना-देना नहीं।
ज्वाला महतो, प्रभारी प्राचार्य, राजकीय पॉलिटेक्निक, रांची

करूंगा कार्रवाई
मुझे परीक्षा की जानकारी नहीं है। नकल हुई है तो जांच होगी। दोषियों पर कार्रवाई भी।
चंद्रप्रकाश चौधरी, मंत्री, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग(दैनिक भास्कर,रांची,9.12.11)

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