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02 दिसंबर 2011

मुंबई यूनिवर्सिटी शुरू कर सकती है नाटक लेखन कोर्स

नाटक एक कला है और इस कला में जिंदगी समाहित होती है जो सदियों से चली आ रही है और चलती रहेगी। इसके लिए आवश्यक है नाटक की कहानी की विषय वस्तु , जिसके इर्द - गिर्द पात्रों का चरित्र चित्रण होता है। आज के दौर में नाटक लेखन को प्रफेशनल सब्जेक्ट के तौर पर स्टडी करने की जरूरत है और इसी को ध्यान में रखकर मुंबई यूनिवर्सिटी ने नाटक लेखन कोर्स शुरू करने की योजना बनाई है। सोमवार को राष्ट्रीय नाट्यलेखन वर्कशॉप का उद्घाटन करते हुए कॉलेज ऐंड यूनिवर्सिटी डिवेलपमेंट के डाइरेक्टर डॉ . राजपाल हांडे ने व्यक्त की।

बता दें कि नाटक को प्रफेशनल तौर पर बढ़ावा देने के लिए मुंबई यूनिवर्सिटी के अकेडमी ऑफ थिएटर आर्ट्स की ओर से 28 नवंबर से 2 दिसंबर तक नैशनल लेवल पर नाट्य लेखन वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। इस वर्क शॉप में महाराष्ट्र , गोवा और गुजरात के स्टूडेंट्स ने पार्टिशिपेट किया। इस मौके पर नैशनल स्कूूल ऑफ ड्रामा , नई दिल्ली की संचालिका डॉ . अनुराधा कपूर ने कहा कि नाटक लेखन एक अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र हैं। वहीं , थियेटर ऑफ आर्ट्स , मुंबई यूनिवर्सिटी के संचालक डॉ . वामन केंद्रे ने नाटक की उपयोगिता को आज के दौर में आवश्यक बताया है(नवभारत टाइम्स,मुंबई,1.12.11)।

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